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चार लाख में बैंक की नौकरी, छह राज्यों में सैकड़ों को लगाया चूना

सदर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े भगवानपुर शाखा यूको बैंक के कर्मचारी संतोष से पूछताछ में सेटिंग कराकर नौकरी दिलाने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। बैंक, एसएससी समेत कई सरकारी विभागों की परीक्षा में सेटिंग कराने की बात सामने आई है।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 12:12 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 09:03 AM (IST)

मुजफ्फरपुर [संजीव कुमार]। सदर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े भगवानपुर शाखा यूको बैंक के कर्मचारी संतोष से पूछताछ में सेटिंग कराकर नौकरी दिलाने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। बैंक, एसएससी समेत कई सरकारी विभागों की परीक्षा में सेटिंग कराने की बात सामने आई है।

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संतोष से पूछताछ के बाद सदर थाना क्षेत्र के कच्ची-पक्की अतरदह इलाके से रविरंजन कुमार को भी हिरासत में लिया गया है। यह भी रैकेट का सक्रिय सदस्य है।

पूछताछ में रविरंजन ने बताया कि उसके पिता चंदेश्वर प्रसाद सिंह रिटायर्ड शिक्षक हैं। उसका भाई एलआइसी में नौकरी करता है। रैकेट का मुख्य सरगना पटना व दिल्ली में बैठा है। संतोष तो रैकेट का एक छोटा गुर्गा है।

संतोष जैसे कई इस रैकेट में शामिल हैं। वे बैंक व अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वालों को जाल में फंसाकर रकम ऐंठते हैं। इस रैकेट का तार पटना, रांची, दिल्ली, कोलकाता समेत कई शहरों में फैला है। पूछताछ में पता चला कि संतोष नौकरी के नाम पर रविरंजन से भी चार लाख रुपये में बैंक की परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था।

एक दर्जन से अधिक बैंक पासबुक व एडमिट कार्ड जब्त संतोष से पूछताछ के बाद उसके रामदयालू स्थित डेरे से कई बैंकों के एक दर्जन से अधिक पासबुक, चेकबुक, कई वरीय अधिकारियों के मुहर व कई लड़कों के बैंक परीक्षा के एडमिट कार्ड मिले। जब्त पासबुक में उसके रिश्तेदारों के नाम के भी खाते हैं। वह सेटिंग से मिली रकम उसमें ट्रांसफर कर देता था। यूको बैंक में छह खाते, बैंक ऑफ बड़ौदा में एक और एसबीआइ में एक खाता का प्रमाण मिला है।

पटना व दिल्ली पुलिस से साधा गया संपर्क

रैकेट का मुख्य सरगना शिव शक्ति है। वह पूर्णिया का रहने वाला है। दिल्ली विश्वविद्यालय के पास उसका ठिकाना है। इसके अलावा पटना के एक कॉलेज के संजय कुमार का नाम सामने आया है। इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए जिला पुलिस ने वहां की पुलिस से संपर्क साधा है। इसके अलावा एक दर्जन ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसकी तलाश चल रही है।

चाय दुकान पर होती थी सेटिंग

पटना स्थित अरविंद महिला कॉलेज के पास के चाय दुकानदार संजय के यहां प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की भीड़ लगती है। संजय भी इस रैकेट का एक सदस्य है। उसने कई छात्रों की सेटिंग कराई है। संतोष ने बताया कि संजय के माध्यम से ही उसकी पहचान शिव शक्ति से हुई।

मुजफ्फरपुर के रामदयालु नगर स्थित एक चर्चित चाय दुकान के बारे में भी पुलिस को पता चला है। कहा जा रहा है कि उस दुकान पर पूरे दिन इसी तरह का खेल होता है। संतोष व रविरंजन भी यहां पर बैठा करते हैं। पूछताछ के लिए पुलिस दुकानदार की तलाश कर रही है।

चार लाख दो, बैंक में नौकरी लो

चार लाख रुपये दो, बैंक में नौकरी पाओ। जी हां, यह सच है। यह रैकेट किसी भी बैंक की परीक्षा में सेटिंग कराने का ठेका लेता है। परीक्षार्थी को सिर्फ रुपये की व्यवस्था करनी होती है।

बताया गया है कि पूरी राशि एक बार नहीं देनी पड़ती है। सौदा तय होने के बाद अग्रिम राशि के रूप में बीस हजार। फिर शेष राशि दो-तीन किस्तों में देकर परिणाम आने पर पूरी राशि चुकता कर देनी पड़ती है।

सौदा तय होने के बाद दिल्ली में रहने वाला स्कॉलर शिव, शक्ति व अन्य वहां से प्लेन से पटना पहुंचते हैं। फिर उन्हें लक्जरी गाडिय़ां उपलब्ध कराई जाती हैं। वे परीक्षा में शामिल होते हैं।

सेटर व सेटिंग का पटना बना हब

बैंक, एसएससी समेत कई तरह की परीक्षाओं में सेटिंग कराकर पास कराने वाले छात्रों का पटना बहुत बड़ा हब है। पटना के कई लॉज में रहने वाले छात्रों का इस रैकेट से तार जुड़ा है। पूछताछ में संतोष ने पुलिस को बताया कि वह भी पटना में ही रहकर पढ़ाई करता था। इसी दौरान वह इन लोगों के संपर्क में आया।

संतोष कुमार ने पूछताछ में बताया कि परीक्षा में सेटिंग कराकर कई लड़के व लड़कियां बैंकों में नौकरी कर रहे हैं। पुलिस के वरीय अधिकारियों के पास उनके नामों की सूची पहुंच चुकी है। इन सभी के रैकेट का तार एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। जल्द ही पुलिस का नकेल इन सभी तक पहुंचेगा।


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