दलित उत्थान में डॉ. अंबदेकर की भूमिका महत्वपूर्ण : कुलपति
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पंडित पलांडे ने कोल्हापुर के राजा छत्रपति साहूज
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पंडित पलांडे ने कोल्हापुर के राजा छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा दलितों के उत्थान के लिए किए गए कार्यो की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि साहूजी महाराज ने दलितों के उत्थान के लिए कई कदम उठाए थे। वे विवि के सीनेट हॉल में अंबेदकर जयंती पर मानवाधिकार की प्राप्ति में डॉ. अंबेदकर की भूमिका विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। बिहार प्रदेश राजद अध्यक्ष सह पूर्व शिक्षा मंत्री रामचंद्र पूर्वे ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि यूएनओ ने मानव अधिकार आयोग की स्थापना 10 दिसंबर 1948 को किया। डॉ. अंबेदकर ने नैसर्गिक अधिकार एवं शाश्वत अधिकार दोनों के सम्मिश्रण से लीगल राइट को अस्तित्व में लाया। मानवाधिकार की क्रांति के कारण ही बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बन पाए। डॉ. पूर्व ने कहा कि डॉ. अम्बेदकर पुरुष ही नहीं महिलाओं के अधिकार के प्रति भी संवेदनशील थे। मनोविज्ञान विभाग के डॉ. अलका जायसवाल ने मानवाधिकार एवं संविधान में नीति निर्देशक तत्वों पर डॉ. अंबेदकर की ओर से किए गए प्रावधानों एवं महिलाओं के अधिकार में ह्ययूमन राइट के योगदान पर चर्चा की। डॉ. राम इकबाल राम ने कहा कि मानवाधिकार नियम बना लेने से समाज का कल्याण नहीं हो सकता। प्रतिकुलपति डॉ. प्रभा किरण ने कहा कि डॉ. अंबेदकर बचपन से ही तीक्ष्ण बुद्धि के थे। समाज में अपमान सहन करने के बाद भी उन्होंने समाज में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए आजीवन संघर्ष किया। दलित उत्थान के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की। संगोष्ठी को कुलसचिव डॉ. रत्नेश मिश्रा, पूर्व मंत्री डॉ. शीतल राम , डॉ. हरिनारायण ठाकुर, कुमोद पासवान, डॉ. एचसी सत्यार्थी, राजद जिलाध्यक्ष चंदन यादव, राजद अध्यक्ष दीपक ठाकुर, डॉ. विजय कुमार जायसवाल, उमाशंकर दास आदि ने भी संबोधित किया।