मैदान बना शरणस्थली, सड़क रखवाला
जासं, मुजफ्फरपुर : ..हिल रही धरती, भागो-भागो। चिल्लाते हुए लोग भाग रहे थे। कोई मैदान को ओर से कोई खा
जासं, मुजफ्फरपुर : ..हिल रही धरती, भागो-भागो। चिल्लाते हुए लोग भाग रहे थे। कोई मैदान को ओर से कोई खाली स्थान की तरफ। जिसको जहां सुरक्षित जगह दिखता, वह वहीं अपना ठौर बना लेता। शहर के विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों के मैदान शरणस्थली बने हुए थे तो सड़क उनका रखवाला।
विवि के आसपास के हॉस्टलों में रह रहे छात्र-छात्रा व मुहल्लेवासी बदहवास थे। भूकंप के झटके लगते ही सबसे सुरक्षित जगह की तलाश में एलएस कॉलेज मैदान पहुंच गए। ऐसा ही नजारा बीबी कॉलेजिएट, मुखर्जी सेमिनरी, रामदयालु सिंह महाविद्यालय, आबेदा हाई स्कूल का मैदान में दिखा। आस-पास के लोगों का शरणस्थली बना हुआ था। यहां कोई मैदान में चादर तो कोई चटाई बिछाकर बैठा था। किसी को कुछ बिछाने को नहीं मिला तो कागज या अखबार का उपयोग ही कर अपनी जान बचाने को जम गए। सबके चेहरे के रंग उड़े हुए थे। बच्चे भी बदहवास थे। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। यह सब क्या हो रहा है। बार-बार सभी घर से भाग कर मैदान में आ जाते हैं। सबको बस एक ही चिंता। अपने जहां भी है, वे सुरक्षित तो है न। नेटवर्क काम नहीं कर रहा था। घर वाले कैसे होंगे? लोगों की चिंता बढ़ती जा रही थी। बार-बार मोबाइल निकालते .पर कोई रिस्पास नहीं। घर से दूर रह रहे छात्र सबसे अधिक परेशान थे। सास दोनों तरफ अटकी थी.यहा से बात नहीं हो रही थी..घर के लोगों का इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। हालांकि आधे से पौन घंटे बाद मोबाइल फोन काम करना शुरू कर दिया। प्रियंका कुमारी ने मोबाइल फोन पर अपने पापा को कहा पहली बार इतने जोर के झटके महसूस किए। भूकंप आया है। हम सब एलएस कॉलेज मैदान में सुरक्षित है। इधर, आबेदा हाई स्कूल के प्राचार्य सज्जाद सिद्दिकी ने यहां शरण लिये लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।