Move to Jagran APP

मदरसों में भी 'धोबीपाट' व 'कबड्डी-कबड्डी'

जासं, मुजफ्फरपुर : सरकारी मदरसों के परंपरागत पहचान से इतर अब वहां खेलकूद को बढ़ावा देने की तैयारी की

By Edited By: Published: Sun, 22 Mar 2015 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2015 01:00 AM (IST)

जासं, मुजफ्फरपुर : सरकारी मदरसों के परंपरागत पहचान से इतर अब वहां खेलकूद को बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही है। खेलों के प्रति विद्यार्थियों में रुझान पैदा करने के लिए खेल की एक घंटी अनिवार्य की जाएगी। जहां उन्हें कुश्ती और कबड्डी के गुर बताए जाएंगे। ये बातें बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सैयद मोहीब्बुल हसन ने कही। दाता कंबल शाह मजार के समीप स्थित मदरसा बीबी सोगरा के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि फिलहाल कबड्डी व कुश्ती को इसमें शामिल किया जा रहा है। आगे इसमें और कई खेलों को जोड़ा जाएगा।

loksabha election banner

मदरसा शिक्षा को और बेहतर करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। मदरसों के बच्चे सिर्फ डिग्री नहीं लें बल्कि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़े इसके प्रयास किए जा रहे हैं। हर जिले में एक मॉडल मदरसा होगा। बच्चे शिक्षा के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ें इसके लिए कई गतिविधियां शुरू होंगी। अंत्याक्षरी, वाद-विवाद, पेंटिंग और लेखन प्रतियोगिता का समय-समय पर आयोजन किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर उत्साहव‌र्द्धन किया जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने वाले मदरसों को चिह्नित किया जा रहा है। सभी पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

¨हदी अखबारों में भी

बहाली का विज्ञापन

शिक्षक बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जाती है। इसे रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए गए हैं। आगे से बहाली का विज्ञापन दो उर्दू अखबार एवं एक ¨हदी अखबार में निकालना अनिवार्य होगा। साक्षात्कार की तिथि बोर्ड तय करेगी। विशेषज्ञ का नाम गुप्त रखा जाएगा। साक्षात्कार होने के बाद रिपोर्ट को सीलबंद कर चेयरमैन को सौंपना होगा। कमेटी में शामिल लोग एवं शिक्षक अपने परिजनों की बहाली नहीं कर सकते हैं। मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा पर राय नहीं बन पाने के कारण उसे फिलहाल लागू नहीं किया गया है।

- चेयरमैन की कही मुख्य बातें

- रेग्युलेशन कमेटी का किया गया है गठन, 29 अप्रैल तक मिल जाएगी रिपोर्ट

- पांच वर्ष होगा कमेटी का कार्यकाल, बड़े आरोप लगने पर ही होगा भंग

- सत्र होगा नियमित, 15 मार्च तक हर हाल में आ जाएगा फोकनिया व मौलवी का रिजल्ट।

- मदरसों में 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य

- शिक्षकों की मनमानी पर लगेगा अंकुश, ड्रेस में ही होगा रहना।

- मुस्लिम बहुल इलाकों में मदरसा कायम करने का प्रस्ताव

----------------------

इनसेट :

मदरसा अलीमीया व बीबी

सोगरा का किया निरीक्षण

मुजफ्फरपुर : च यरमैन ने दामोदरपुर स्थित दारुल उलूम अलीमीया अहले सुन्नत अनवारुल उलूम व दाता कंबल शाह मजार के समीप स्थित मदरसा बीबी सोगरा का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि दामोदरपुर मदरसा का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर है। उसे मॉडल मदरसा बनाया जा सकता है। 2010 के बाद मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया ठप थी। बोर्ड के पास करीब 700 आवेदन पड़े हैं। आवेदनों के आधार पर निरीक्षण कर मान्यता देने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में दोनों मदरसों का निरीक्षण किया गया है। चेयरमैन ने मदरसा बीबी सोगरा में इंफ्रास्टक्चर एवं पठन-पाठन की स्थिति पर संतोष प्रकट की। कहा कि कागजी रूप में कई बिंदुओं पर अभी पड़ताल बाकी है। उसके बाद मान्यता दी जाएगी। यहां मदरसा के अध्यक्ष हाजी तौहीद खां, सचिव तनवीर आलम, जिला शांति समिति सदस्य रेयाज अंसारी व मो. इश्तेयाक आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.