ईधन बचाने को घंटों होती रही बहस
मुजफ्फरपुर, संवाद सहयोगी : छोटी-छोटी गैर जिम्मेदाराना आदतों से बचना ईधन बचाने के काम आ सकती है। अब ल
मुजफ्फरपुर, संवाद सहयोगी : छोटी-छोटी गैर जिम्मेदाराना आदतों से बचना ईधन बचाने के काम आ सकती है। अब लापरवाही नहीं बरती जाएगी। बात हजार रुपये की नहीं है, बल्कि हर सिक्के की असली कीमत पहचानने की है। ईधन बचाने के साथ देश बचाने की है। कुछ इस अंदाज में ईधन संरक्षण को लेकर सवाल व जबाब के बीच शुक्रवार को एमडीडीएम कॉलेज में आधी आबादी के बीच घंटों बहस होती रही। युवा पीढ़ी का अंदाज आंदोलित कर देने वाला था। उनका कहना था कि हमें अपने लिए नहीं बल्कि समाज व देश के लिए जीने की आदत डालनी होगी। इस अवसर पर बीसीए, बीबीए, आइबीएम व सीएनडी की 20 छात्राओं के बीच तेल एवं गैस संरक्षण पखवाड़ा विषय पर वाद-विवाद के साथ क्विज व भाषण प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई। पहले राउंड में अभिवादन एवं एडजेस्टमेंट, दूसरे राउंड में बॉडी लैंग्वेज व प्रजेंटेशन, तीसरे राउंड में भाषण व उच्चारण स्पष्टता व चौथे राउंड में विषय वस्तु व सारांश प्रस्तुत करना था। पांच छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगी का पुरस्कार दिया गया। निर्णायक मंडल में डॉ. सुशीला, डॉ. शकीला अजीम, डॉ. नीलम कुमारी शामिल थीं। कार्यक्रम का उदघाटन प्रचार्या डॉ. ममता रानी ने किया। मौके पर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रिजवान खान, ओपीएस इंचार्ज प्रणव कुमार, डे मैनेजर सेल्स राजीव प्रशांत व सेफ्टी ऑफिसर रंजीत कुमार, प्रभात कुमार, कोऑर्डिनेटर भवानी रानी उपस्थित थे।
इन पर विशेष दें ध्यान
- एलपीजी संरक्षण के लिए खाना ढक्कन बंद कर पकाना चाहिए।
- बिजली की बचत के लिए फ्रीज का दरवाजा सामान निकालते ही बंद करें।
- कमरे से निकलते समय बॉल का स्वीच ऑफ करें।
- निजी गाड़ी के बजाए ट्रांसपोर्ट का उपयोग यात्रा में करें।
इन्हें मिला पुरस्कार
भाषण प्रतियोगिता में आइबीएम की दीपशिखा प्रथम, सीएनडी की प्रतिभा कौशल द्वितीय, आइबीएम की मरियम फातिमा को तृतीय, बीबीए की पूजा रानी को चतुर्थ, बीसीए की हिना को पांचवां पुरस्कार मिला। वहीं, क्विज प्रतियोगिता में शालिनी राज, जय प्रभा, एवं रुमा को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार मिला।
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बयान
स्वार्थ से दूर रहकर हमें अपने समाज व देश के लिए बेहतर करने को तत्पर रहने की जरुरत है। संसाधन बचाने के लिए हमारी युवा पीढ़ी को अपने कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। तभी संपूर्ण देश का सर्वागीण विकास होगा।
डॉ. ममता रानी
प्राचार्या, एमडीडीएम कॉलेज
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