वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चार दिवसीय यज्ञ शुरू
मुजफ्फरपुर, संस : गो ब्रह्माणे व्य: शुभम अस्तु .. व ऊँ गण गणपत्ये नम :..। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ म
मुजफ्फरपुर, संस : गो ब्रह्माणे व्य: शुभम अस्तु .. व ऊँ गण गणपत्ये नम :..। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंगलवार को चतुर्भुज नाथ मंदिर में चार दिवसीय श्री भगवान विष्णु महायज्ञ महोत्सव की शुरुआत हुई। चार दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ में विष्णु की आराधना के साथ सहाश्रम अखण्ड परायण, लक्ष अर्चना, पुष्पांजलि आरती से भक्त ओत-प्रोत होंगे। चार दिवसीय यज्ञ महोत्सव दक्षिण भारतीय विधि से संपन्न होगा।
मंगलवार को मंदिर में यज्ञ शुरू हुआ। इसमें सबसे पहले गोपूजा की गई। इसके बाद भगवान गणेश की पूजा अर्चना और नवग्रहों की पूजा की गई। अंत में ब्राह्मण पूजन कर 12 कलश स्थापित किए गए। महंथ नवल किशोर मिश्र ने बताया कि शाम को विष्णु सहस्त्रणाम अखंड परायण की जाएगी। साथ ही खीर के भोग भी लगाए जाएंगे।
इन सामग्री से आज लगा भोग
मेवा, चना, चावल, दाल सब्जी, खीर यज्ञ का है विशेष महत्व
श्री श्री 108 विष्णु महायज्ञ से संसार का कल्याण होता है। सुख समृद्धि व बुद्धि बल बढ़ता है।
प्रभु से मिलने का बहाना है यज्ञ
वैसे तो भगवान अपने भक्तों की अंतरआत्मा में बसे होते हैं। मगर फिर भी भक्त के भगवान से मिलने का बहाना है यज्ञ व पूजा अर्चना। नि:स्वार्थ भाव से भक्ती करने से भगवान खुश होते हैं और मनोकामना पूरी होती है।
वर्षो पुराना है मंदिर का इतिहास
मंदिर की स्थापना 1303 में हुई थी। महंथ नवल गिरी बताते हैं कि एक व्यापारी को बच्चें नहीं थे। उसके सपने में भगवान विष्णु ने आकर कहा, मेरे मंदिर का निर्माण करो तो तुम्हें पुत्र की प्राप्ति होगी। मंदिर का निर्माण होते ही व्यापारी को संतान सुख मिला।