एलएस विरासत, बन सकता अंतरराष्ट्रीय स्तर का कॉलेज
जासं, मुजफ्फरपुर : तीन दिनों तक लंगट सिंह कॉलेज का मूल्यांकन कर नैक टीम शनिवार को वापस लौट गई। इस दौ
जासं, मुजफ्फरपुर : तीन दिनों तक लंगट सिंह कॉलेज का मूल्यांकन कर नैक टीम शनिवार को वापस लौट गई। इस दौरान स्वागत से अभिभूत टीम के सदस्य भावुक हो गए। विदाई समारोह में टीम के अध्यक्ष एवं कल्याणी विवि के पूर्व कुलपति प्रो. अरविन्दो दास ने शिक्षक, कर्मचारी व छात्रों की खूब हौसला अफजाई की। कहा, एलएस कॉलेज मात्र शैक्षणिक संस्थान नहीं विरासत है। यदि सब मिल-जुलकर इसे और आगे बढ़ाने का काम करें तो कॉलेज अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सकता है। प्राचार्य डॉ. अमरेन्द्र नारायण यादव के कार्यो की भी सराहना की। बोले, एक साल की इनकी सेवा बची है। साथ देकर इनके सहयोग से कॉलेज को ऊंचाईयों तक पहुंचाएं। इससे पहले टीम के सदस्यों ने मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में क्या है, इसे सार्वजनिक तो नहीं किया, पर प्राचार्य के साथ हुई बैठक में कॉलेज के क्रियाकलापों पर संतोष जाहिर किया। रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले उनसे कई सवाल-जवाब किए गए।
..और छलक आई प्राचार्य की आंखें
मुजफ्फरपुर : मूल्यांकन के दौरान अंतिम बैठक में प्राचार्य डॉ. अमरेन्द्र नारायण यादव की आंखें उस वक्त छलक आई, जब टीम के सदस्य ने उनके कार्यो व कार्य क्षमता की प्रशंसा की। प्राचार्य ने इसका श्रेय अपने शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं को दिया। बोले, इन लोगों का सहयोग न मिला होता तो वे इस कार्य को नहीं कर पाते। दरअसल, लंगट सिंह कॉलेज में अधिकतर प्राचार्यो के चाहने के बावजूद वे मनोनुकूल कार्य करने में विफल रहे। लेकिन, नैक मूल्यांकन के दौरान न सिर्फ शिक्षक-कर्मचारी व कॉलेज से लेकर छात्रावास के छात्र-छात्राओं ने अपनी ताकत झोंक दी। टीम के आगमन से पहले साफ-सफाई में छात्र-छात्राओं ने लगातार सफाई अभियान चलाया था।
अब सबकी निगाहें ग्रेडिंग पर, उम्मीद मिलेगा ए ग्रेड
मुजफ्फरपुर : टीम के मूल्यांकन के बाद कॉलेज प्राचार्य से लेकर शिक्षक-छात्र तक सबकी निगाहें अब ग्रेडिंग पर टिक गई हैं। इन्हें भरोसा है कि कॉलेज को ए ग्रेड मिलेगा। अब तक विवि में जिन कॉलेजों का मूल्यांकन हुआ, उन सभी को बी ग्रेड से ही संतोष करना पड़ा है। लंगट सिंह कॉलेज विवि का ऐतिहासिक कॉलेज है। तैयारी भी उसी के अनुरूप थी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कॉलेज अव्वल ग्रेड से नवाजा जाएगा। ऐसा हुआ तो कॉलेज के आधारभूत विकास के साथ शैक्षणिक व शोध क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे।