'आर-पार की लड़ाई का ऐलान '
जासं, मुजफ्फरपुर : सरकार वेतनमान दे, वरना खामियाजा भुगतने को तैयार रहे। अबकी बार शिक्षकों ने आर-पार
जासं, मुजफ्फरपुर : सरकार वेतनमान दे, वरना खामियाजा भुगतने को तैयार रहे। अबकी बार शिक्षकों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। उक्त बातें परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर व्रजवासी ने गुरुवार को ऑडिटोरियम में संकल्प सभा में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने वेतनमान की लड़ाई को अधिकार की लड़ाई बताया। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उड़ीसा में सरकार ने नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दे दिया। फिर बिहार सरकार क्यों नहीं दे रही। प्रदेश संयोजक प्रणय कुमार ने कहा कि जब दो वर्ष बाद सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होगी तो एक चपरासी का वेतन 50 से 60 हजार रुपये होगा और नियोजित शिक्षक उसका एक चौथाई भी नहीं पा रहे होंगे। संकल्प सभा का उद्घाटन करते हुए पूर्व मेयर समीर कुमार ने शिक्षकों की लड़ाई को बिहार के शिक्षित युवाओं के सम्मान की लड़ाई बताई। नगर विधायक सुरेश शर्मा ने कहा कि सुशासन बाबू बिहार को अग्रणी बताते है कि जो बिहार करता है उसे दूसरे राज्य अनुशरण करता है। पड़ोसी राज्यों में जहां नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया जा रहा है। उसका भी ये अनुशरण क्यों नहीं करते। शिक्षकों का अपमान सरकार को महंगा पड़ेगा। इससे पूर्व शिक्षक संघर्ष रथ सह संकल्प यात्रा का जोरदार स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश संयोजक के नेतृत्व में पहुंचे संघर्ष रथ का जीरोमाईल चौक पर बैंड बाजे के साथ स्वागत किया। इसके बाद संघर्ष रथ शहर में प्रवेश किया। मोटरसाइकिल जुलूस के साथ हजारों शिक्षक बैरिया, ब्रह्मापुरा, जूरन छपरा, कंपनी बाग होते हुए समाहरणालय पहुंचा। समाहरणालय में करीब आधा घंटे तक प्रदर्शन किया, फिर मोतीझील के रास्ते ऑडिटोरियम पहुंचा। सभा का संचालन जिला महासचिव अखिलेश कुमार सिंह ने की। मौके पर जीतन सहनी, दिनेश पासवान, इंद्रदेव महतो, लव कुमार, अनीता कुमार, नीरज द्विवेदी, लखन लाल निषाद, हिमांशु शेखर, अजय ओझा, मुनीन्द्र झा, शमशाद अहमद, सादिल, मायाशंकर कुमार आदि मौजूद थे।