कर्जदारों पर मेहरबानी, बैंकर्स की हकमारी
जासं, मुजफ्फरपुर : सरकार बड़े कर्जदारों पर मेहरबान है। उन्हें ऋण माफी की सौगात दी जा रही हैं। वहीं दू
जासं, मुजफ्फरपुर : सरकार बड़े कर्जदारों पर मेहरबान है। उन्हें ऋण माफी की सौगात दी जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ करोड़ों का लाभ देने वाले बैकर्स हकमारी के शिकार हैं। ये बातें एआइबीओसी के उपाध्यक्ष सह बैंक ऑफ इंडिया आफिसर्स एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव सुनील कुमार ने कही।
रविवार को बैंक के आत्ममंथन' शिविर में उन्होंने कहा कि सरकार को केंद्रीय कर्मियों की चिंता तो है मगर बैकर्स की नहीं। केंद्रीय कर्मियों के वेतन समझौता के लिए समिति का गठन कर दिया गया मगर बैकर्स का 10वां वेतन समझौता 2012 से लंबित है। तुलना करने पर पता चलता हैं कि बैंकर्स का वेतन केंद्रीय कर्मियों से काफी कम है। सरकारी बैंकों ने मार्च 2012 में सरकार को एक लाख 22 हजार करोड़ का मुनाफा दिया। हाल में ही प्रधानमंत्री के जन-धन योजना को भी सफल बनाने में बैंकर्स ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। बड़े बकाएदारों के कर्ज माफ किए जाने की वजह से सरकार के मुनाफे में कमी आई। आइबीए के 11 फीसद ही वृद्धि के अड़ियल रवैये की वजह से बैकर्स को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक एवं बीओआई ऑफिसर्स एसोसिएशन के उप महासचिव अशोक ठाकुर ने कहा कि पूरे देश में दस अक्टूबर को आंदोलन का शंखनाद हो चुका है। 13 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन होगा। 17 अक्टूबर को देश के बड़े-बड़े केंद्रों पर प्रदर्शन होंगे। 18 एवं 31 अक्टूबर के मध्य सभी प्रदेशों की राजधानियों में धरना-प्रदर्शन होगा। इसके बाद भी अगर मांग नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन होगा। बैंककर्मी अब नियमानुसार ही कार्य करेंगे। साढ़े पांच बजे के बाद काम नहीं होगा। इतना ही नहीं रविवार एवं अवकाश के दिनों में भी काम नहीं होगा।
पीओ को दिया गया प्रशिक्षण
अंचल के विभिन्न बैंक शाखाओं में नवनियुक्त करीब 98 पीओ को प्रशिक्षण भी दिया गया। जीएम रमेश ठाकुर ने उन्हें बेहतर कार्य करने का गुरु बताया। मौके पर डीजीएम उदय प्रसाद सिंह, वरीय प्रबंधक राजेश झा, अच्यूतानंद, अशोक दास, संतोष श्रीवास्तव, सीएमके राय, अरविंद प्रसाद, निरंजन वर्णवाल एवं सुमन आदि मौजूद थे।