अधिवक्ता को दस साल की सजा
जासं, मुजफ्फरपुर : दहेज के लिए पत्नी का अपहरण कर गायब कर देने मामले में दोषी अधिवक्ता दिलीप कुमार को दस साल कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे बारह हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा। मामले के सत्र विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रामशंकर सिंह ने यह सजा सुनाई।
घटना 22 सितंबर 2001 की है। काजीमुहम्मदपुर थाना के सादपुरा निवासी कौशल्या देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने अपने दामाद बोकारो कॉपरेटिव कॉलोनी के दिलीप कुमार को अभियुक्त बनाया था। दिलीप आयकर अधिवक्ता है। प्राथमिकी में कहा था कि उसकी छोटी पुत्री चित्र शरण की शादी जनवरी 1999 में दिलीप के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही दिलीप ससुराल की जमीन के लिए चित्रा को प्रताड़ित करता था। 22 सितंबर 2001 को चित्रा का अपहरण करने के बाद उसे गायब कर दिया गया। उसका आज तक पता नहीं चला। मामले के सत्र विचारण के बाद एडीजे तृतीय रामशंकर सिंह ने भादवि की धारा 498 ए में दोषी पाते हुए दो साल कारावास व दो हजार रुपये जुर्माना एवं भादवि की धारा- 364 में दोषी पाकर दस साल कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना के अलावा अन्य सजा साथ-साथ चलेगी।