सशक्त स्थाई समिति की बैठक पर सवाल
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : महापौर वर्षा सिंह के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का मामला सुलझने की जगह उलझता जा रहा है। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। साथ ही एक-दूसरे को पटखनी देने का खेल होने लगा है। महापौर के निर्देश पर नगर आयुक्त द्वारा तीन सितंबर को बुलाई गई सशक्त स्थाई समिति की बैठक को अवैध करार देते हुए उपमहापौर सैयद माजिद हुसैन समेत निगम के चार पार्षदों ने महापौर के खिलाफ खुलकर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। बैठक बुलाने के फैसले पर सवाल किए जा रहे हैं। इसमें महापौर एवं आयुक्त को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।
सोमवार को एक ओर उपमहापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर निगम प्रशासन पर सरकार के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उपमहापौर ने अपने पत्र में कहा है कि महापौर के खिलाफ अबतक अविश्वास प्रस्ताव लंबित है। ऐसे में महापौर को किसी प्रकार की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है। महापौर तो महापौर नगर आयुक्त ने भी बगैर सोचे-समझे बैठक का नोटिस जारी कर दिया है, जबकि उनको पहले सरकार के निर्देशानुसार मामले की जांच कर प्रतिवेदन भेजना था। उसके बाद किसी प्रकार का फैसला लेना था। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया।
वहीं, वार्ड पार्षद राजीव कुमार पंकू, रंजू सिन्हा एवं केपी पप्पू ने भी सोमवार को नगर आयुक्त से मिलकर बगैर सरकार को रिपोर्ट भेजे और मामले का फैसला हुए समिति की बैठक बुलाने को अवैध करार दिया है। उन्होंने नगर आयुक्त से तीन सितंबर को बुलाई गई सशक्त स्थायी समिति की बैठक को स्थगित करने की मांग की है।