एक नारी की तपस्या:धोबनी पंचायत में चहुंओर हरियाली
सतीश कुमार पाडेय, नरकटियागंज: लौरिया प्रखंड की धोबनी पंचायत में मनरेगा से 20 हजार पौधे लगे। उनकी ऐसे हिफाजत हुई कि शायद ही कोई पेड़ बनने से पहले खत्म हुए हों। पंचायत की मुखिया ने इनका बच्चों की तरह ध्यान रखा। पौधे लगवाने के साथ देखरेख की भी व्यवस्था की। आज करीब 20 हजार पेड़ पंचायत की संपत्ति हैं। पर्यावरण प्रहरी केरूप में सड़कों से गुजरनेवालों का अभिनंदन करते। उन्हें प्रेरणा देते हैं। मुखिया पद्मावती देवी ने सन् 2000 में बेतिया जाने के दौरान सड़क किनारे लगे पेड़ों की कटाई होते देखी। उन्हें अच्छा नहीं लगा। वहा तो कुछ नहीं कर पाईं, लेकिन व्रत लीं पौधरोपण कर चंपारण का नाम रोशन करने का। अपने पति और पंचायत के तत्कालीन मुखिया मनोहर तिवारी से यह बात कही। पति ने साथ दिया। तभी से शुरू हो गया इस पंचायत में पेड़ लगाने का सिलसिला।2006 में पद्मावती स्वयं मुखिया बनीं। तभी 2008 में सरकार ने सामाजिक वानिकी से पंचायतों में पौधरोपण की योजना बनाई। फिर तो पद्मावती को अपने संकल्प पूरे होते दिखे। पहल तेजी से शुरू हुई। आज लौरिया-व्यासपुर मार्ग समेत रामनगर, धोबनी, बेलवा, रमौली, लिपनी, मलाही टोला और सुगौली में सड़कों के किनारे लगे अनगिनत पेड़ इनके संकल्प की गाथा गा रहे।
जब केंद्रीय मंत्री ने दी शाबाशी: 22 अगस्त 2012 को तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश चंपारण की यात्रा पर थे। धोबनी में पेड़ों से दीदार हुआ तो कहा, काश! ऐसी सोच हर मुखिया की होती। हमारा देश हरियाली से खिला रहता। उन्होंने पद्मावती को दूसरों को भी प्रेरित करने की सलाह दी। मुखिया पद्मावती देवी का कहना है कि पौधे लगाना और उन्हें बचाना अलग-अलग बातें हैं। ये संतान की
तरह स्नेह और केयर मागते। बल्कि, इनकी हिफाजत उनसे भी बढ़कर होनी चाहिए। हर पेड़ पूरी सृष्टि की रक्षा करती। इसीलिए कहा गया है-एक वृक्ष सौ पुत्र समान। हमारे यहा हर पंचायतवासी न केवल पेड़ों की रक्षा में जुटे हैं, बल्कि घर-घर पौधरोपण जारी है।