डेटलाइन के अंतिम दिन नक्सलियों ने दी धमकी
- नरियार मठ के महंत की पत्नी को आया धमकी भरा फोन, मोतीपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज
- मामला मोतीपुर के नरियार मठ के महंत व उसके पुत्र को मिले पत्र का
- शुक्रवार से शुरू हुई डेटलाइन, नक्सलियों ने 18 अगस्त को कार्रवाई की दे रखी है धमकी
- नक्सलियों की डेटलाइन को लेकर सबकी अटकी सांसें
जासं, मुजफ्फरपुर : डेटलाइन के अंतिम दिन नक्सलियों ने नरियार मठ के महंत को धमकी दी है। यह धमकी महंत की पत्नी के मोबाइल पर दी गई। धमकी देते हुए कहा गया कि हम लोग आ गए हैं। नक्सलियों ने मठ की जमीन के पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने की अंतिम तिथि 15 अगस्त और ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की तिथि 18 अगस्त मुकर्रर की है। डेटलाइन को लेकर सबकी सांसे अटकी हुई है। मोतीपुर के नरियार मठ की जमीन से संबंधित यह चेतावनी नक्सलियों ने पत्र से दी थी। इस पर अमल नहीं करने पर नरियार रामजानकी मठ के महंत प्रेमशंकर दास व उनके पुत्र अविनाश कुमार उर्फ मोनू को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई। 15 अगस्त की रात कुछ नकाबपोश संदिग्धों के गांव में चक्कर काटने की बात बताई जा रही है। महंत व उनका परिवार किसी अनहोनी की आशंका से भयभीत है।
नक्सलियों ने यह भेजा था पत्र : नक्सलियों ने 4 अगस्त को डाक से नरियार मठ के महंत के पुत्र कपड़ा व्यवसायी अविनाश कुमार उर्फ मोनू शाही को पत्र भेजा था। इसमें लिखा था कि इस पत्र के माध्यम से आपको सूचित किया जाता है कि डीसीएलआर पूर्वी द्वारा जारी पत्रांक 1650 दिनांक 28 अगस्त 2013 के अनुसार पर्चाधारियों को जमीन दखल कब्जा होने में न्यायालय या अपने द्वारा रुकावट पैदा न करें। न तो आप भीषण परिणाम भुगतने को बाप-बेटा तैयार रहे। मोनू शाही को यह पत्र उनके शहर के पते पर भेजा गया था।
डीएसपी कर चुके हैं जांच : नक्सलियों से मिली धमकी के मामले की जांच डीएसपी पश्चिमी अजय कुमार द्वारा की गई है। वे मोतीपुर थाना क्षेत्र के नरियार मठ पर जाकर आसपास के लोगों से जानकारी ली।
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इनसेट : जनाधार बढ़ाने के लिए नक्सलियों का यह तुरूप का पत्ता
जासं, मुजफ्फरपुर : भाकपा (माओवादी)मुजफ्फरपुर पूर्वी एरिया कमेटी की ओर से यह पहले एक्शन की चेतावनी है। पुलिस भले ही इसे गंभीरता से नहीं ले रही हो और इस तरह की कमेटी के अस्तित्व को नकार रही हो, लेकिन क्षेत्र के लोग इसे मानने को तैयार नहीं। इससे पहले इस कमेटी ने कई थाना क्षेत्रों में पर्चा चस्पा कर बस अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी। क्षेत्र से अपना दबदबा खिसकते देख विवादास्पद जमीन के मुद्दे को नक्सली तुरूप के पत्ते के रूप में आगे बढ़ाया है। कई बड़े नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद संगठन में मनोबल को कायम रखने के लिए उनकी यह एक सोची-समझी रणनीति हो सकती है।
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वर्जन :
'यह जमीन विवाद का मामला है। कुछ लोग इसे तूल दे रहे हैं। हो सकता है कि इसी के बहाने नक्सली अपने जनाधार को बढ़ाना चाह रहे हों। घटनाक्रम पर पूरी नजर है। गांव में एसटीएफ व सशस्त्र बलों की तैनाती की जा रही है।'
अजय कुमार
डीएसपी पश्चिमी