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12 वर्षो तक रिश्ते होते रहे तार-तार

By Edited By: Published: Sun, 01 Dec 2013 02:30 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2013 02:31 AM (IST)
12 वर्षो तक रिश्ते होते रहे तार-तार

मुजफ्फरपुर, निप्र : दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए शशिशेखर ठाकुर व उनके अधिवक्ता भाई मुकुल ठाकुर के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट चौंकाने वाली है। ऊंची रसूख वाले ठाकुर भाइयों पर जो आरोप लगाए गए हैं वे रिश्ते की मर्यादा को तार-तार करने वाले हैं। उनके निकट संबंधी की ही पुत्री ने आरोप लगाया है कि नौ साल की उम्र से ही उसके साथ दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न होता रहा। जूरन छपरा रोड नं-3 निवासी स्वामी ठाकुर भाइयों का राजनीतिक क्षेत्र में भी दबदबा रहा है। शशि शेखर ठाकुर गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में भी अभियुक्त बनाए गए थे। इस कांड में उन्हें निचली अदालत ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए उन्हें बरी कर दिया था।

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12 साल तक होता रहा दुष्कर्म

शशिशेखर ठाकुर व उनके अधिवक्ता भाई मुकुल ठाकुर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने प्राथमिकी में कहा है कि उसके साथ 12 वर्षो तक दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न होता रहा। दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न 28 जून 1994 में तब शुरू हुआ जब वह मात्र नौ साल की थी। यह क्रम 31 मार्च 2006 तक चला। जब वह 13 साल की हुई तो इसमें शशिशेखर ठाकुर के अधिवक्ता भाई मुकुल ठाकुर भी उसके साथ दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न में शामिल हो गए।

कहानी सुनाने के शुरू हुआ सिलसिला

पीड़िता ने दिल्ली पुलिस को दिए गए बयान में कहा है कि जब वह नौ साल की थी तो शशि शेखर ठाकुर उसे कजिन के साथ कहानी सुनाने के बहाने सुलाते थे। कजिन के सो जाने पर वे दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न को अंजाम देते थे। उसने आरोप लगाया है कि पूरे मामले में ठाकुर की पत्नी का भी सहयोग रहता था।

मौके की रहती थी तलाश

पीड़िता ने बताया है कि उसकी मां की शादी 1983 में हुई व उसका जन्म 1985 में हुआ। बाद में मां व पिता का अलगाव हो गया। मां के नार्मल नहीं रहने के कारण परिवार की सहायता के नाम पर आरोपी को उसके यौन शोषण के मौके की तलाश रहती थी।

ननिहाल से शुरू हुआ उत्पीड़न

पीड़िता का आरोप है कि नौ साल की उम्र में 1994 में दरभंगा स्थित उसके ननिहाल से दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न शुरू हुआ। यह सिलसिला मुजफ्फरपुर, हैदराबाद व दिल्ली तक जारी रहा। ननिहाल में बड़े दामाद होने का शशिशेखर ठाकुर भरपूर फायदा उठाते थे। उनका वहां बड़ा मान सम्मान था। इसकी आड़ में वे कॉर्नर वाले रूम में उसका शारीरिक शोषण करते थे।

अप्रैल में दर्ज कराई गई प्राथमिकी

इस साल 25 अप्रैल को पीड़िता द्वारा नई दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में प्राथमिकी (कांड संख्या-61/13) दर्ज कराई गई। भादवि की धारा-376 के तहत दर्ज प्राथमिकी में जूरन छपरा रोड नं-3 निवासी शशिशेखर ठाकुर उनके अधिवक्ता भाई मुकुल ठाकुर व शशिशेखर ठाकुर की पत्‍‌नी मीरा ठाकुर को अभियुक्त बनाया गया था। प्राथमिकी में घटनास्थल नई दिल्ली का वेस्टर्न कोर्ट जनपथ बताया गया है।

तीन दिनों की मिली ट्रांजिट रिमांड

शशिशेखर ठाकुर व उनके भाई मुकुल ठाकुर को उनके आवास से गिरफ्तार करने के बाद कनॉट प्लेस थाना नई दिल्ली के पुलिस सहायक अवर निरीक्षक प्रमोद कुमार ने सीजेएम एसपी सिंह के न्यायालय में पेश किया। नई दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जसजीत कौर के न्यायालय में पेश करने के लिए तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड देने की प्रार्थना की। जिसे सीजेएम ने स्वीकार कर लिया।

निफ्ट की स्नातक है पीड़िता

पीड़िता ने एफआइआर में कहा है कि वह निफ्ट हैदराबाद की स्नातक है। वह पेशे से फैशन डिजाइनर है। हैदराबाद में पढ़ाई के दौरान भी आरोपी वहां पहुंच कर उसका यौन उत्पीड़न करते थे।

घुट रही थी जिंदगी

अपने निकट संबंधी द्वारा वर्षो तक दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न की घटना ने उसे घुटन भरी जिंदगी जीने को विवश कर रहा था। इन लोगों ने उससे उसका बचपन छीन लिया। इससे वह काफी डरी सहमी रहती थी। लगातार यौन उत्पीड़न ने उसे कुंठित कर दिया था। आरोपी बाहुबली व दबंग हैं। उनका परिवार एवं संबंधियों पर दबदबा है। भय से वह कुछ बोल नहीं पाती थी।

दिल्ली गैंगरेप के बाद मिली हिम्मत

पीड़िता ने कहा है कि पिछले साल दिल्ली गैंगरेप के बाद लोगों के आक्रोश से उसे हिम्मत मिली। यह ऐसी घटना थी, जब उसे अपने साथ दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न करने वालों के विरुद्ध खड़े होने प्रेरणा मिली। वह आरोपियों को कानून के कटघरे में लाने के लिए अप्रैल में थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंची।

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