परिवार नियोजन करा खुशहाल हो रही है धरहरा की महिलाएं
मुंगेर। छोटा परिवार खुशियां अपार का नारा लालगढ़ के नाम से मशहूर धरहरा में भी जोर श्
मुंगेर। छोटा परिवार खुशियां अपार का नारा लालगढ़ के नाम से मशहूर धरहरा में भी जोर शोर से सुनाई देने लगी है। लेकिन, यह सच है कि सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाई जा रही परिवार कल्याण योजना के सफल क्रियान्वयन की जिम्मेवारी आधी आबादी ने अपने कंधे पर उठा रखी है। परिवार नियोजन कार्यक्रम में जहां महिलाओं की भागीदारी देख अधिकारी भी चकित हैं। वहीं, पुरुष अब भी उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। कभी धरहरा में महिलाएं रूढ़ीवादी व्यवस्था में जकड़ी होने के कारण बंध्याकरण आपरेशन कराने से बचती थी। वहीं, अब महिलाएं खुल कर सामने आ रही है। वित्तीय वर्ष 2014 -15 में धरहरा के विभिन्न गांवों की 550 महिला मरीजों ने अपना बंध्याकरण कराया। जबकि पुरूषों की संख्या नगण्य रही। वहीं वर्ष 2015-16 में 568 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया। जबकि इस वर्ष मात्र दो पुरूषों ने अपना नसबंदी कराया। यह आंकड़ा बताता है कि महिलाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही परिवार नियोजन कार्यक्रम के महत्व को समझने लगी है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा महेंद्र प्रसाद, डा प्रेम कुमार, डॉ. माहिद आदि ने कहा कि कम बच्चे होने पर अभिभावक अपने बच्चों की परवरिश बेहतर तरीके से कर पाते हैं। वहीं, महिलाएं भी स्वस्थ्य रहती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि परिवार नियोजन निशुल्क होता है। परिवार नियोजन कराने से पहले महिलाओं को एचआईबी टेस्ट, टीसीडीसी, बीटीसीटी, हीमोग्लोविन, भीडीआरएल, प्रेगनेंसी जांच अवश्य करानी चाहिए।
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परिवार नियोजन में मिलने वाली सुविधाएं
ऐसी महिलाएं जिसे दो बच्चों से अधिक हो, उन्हें 600 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दो बच्चे वाली महिला को 1000 रुपये, नसबंदी कराने वाले पुरुष मरीजों को 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार के द्वारा दी जाती है। गांव से मरीज लाने वाले पारा मेडिकल स्टाफ, आंगनवाड़ी सेविका, आशा, जीविका कार्यकत्ता को प्रति महिला मरीज पर 150 रु., प्रति पुरुष मरीज पर 300 रु. की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
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क्या कहती हैं महिलाएं
परिवार नियोजन कराने वाली औड़ाबगीचा निवासी मीना देवी व गुड़िया देवी ने कहा कि परिवार नियोजन कराने से पहले उनके घर में आमदनी कम था और खर्च ज्यादा। आज हमारे पास बच्चे भी कम हैं। जिसके कारण परवरिश करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। छोटा परिवार सुखी परिवार होता है। उन्होंने कहा कि उनकी तरह सभी महिलाएं कम से कम दो बच्चे के बाद जरूर बंध्याकरण कराएं।
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क्या कहते हैं स्वास्थ्य प्रबंधक
स्वास्थ्य प्रबंधक रवि कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन के लिए सरकार के द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए वे आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी सेविका व जीविका कार्यकर्ता का सहयोग ले रहे हैं।