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पुलिस सचेत होती तो बच जाती गोविंदपुर के युवतियों की जान

मुंगेर। सूबे की सरकार कानून का राज स्थापित करने को लेकर एक ओर एड़ी चोटी किए हुए

By Edited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 09:40 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2016 09:40 PM (IST)
पुलिस सचेत होती तो बच जाती गोविंदपुर के युवतियों की जान

मुंगेर। सूबे की सरकार कानून का राज स्थापित करने को लेकर एक ओर एड़ी चोटी किए हुए हैं। वहीं, धरहरा थाना क्षेत्र की पुलिस अति पिछड़ा बाहुल्य मरपकला के शोषित पीड़ितों को न्याय दिलाने में असफल साबित हो रही है। इसके कई उदाहरण हाल के दिनों में भी देखने को मिल रहा है। थाना क्षेत्र के मरपकला गांव की एक नव विवाहिता को दशरथपुर जाने के क्रम में दबंगों ने गायब कर दिया। जिसका आजतक अता पता नही चला है। हालांकि उस वक्त युवती के परिजनों ने थाना पहुंच मामला दर्ज कराया था। लेकिन, लगभग सात वर्ष बीतने के बावजूद उसका कोई अता पता नहीं है। शनिवार को कामो देवी की मां रो-रोकर कह रही थी कि इस गांव के दबंगों ने कई बार मुझ पर भी जानलेवा हमला किया है। मेरी बेटी कामो को कहां रखा है। अभी तक पता नहीं चला है। जबकि कांड को अंजाम देने वाले आज भी गांव में स्वछंद रह रहे है। उन्होंने पुलिस कप्तान आशीष भारती से न्याय की गुहार लगाई है।

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इसी तरह 5 सितंबर 16 को धरहरा थाना क्षेत्र से ही दो बहनों को आरोपितों ने जिस समय अपहरण किया था, उसी समय पुलिस अगर सजग हो जाती तो उनकी जान को बचायी जी सकती थी। परंतु, पुलिस ने इस कदर लापरवाही बरती की पीड़ित परिवारों को एफआइआर दर्ज कराने हेतु सड़क जाम करना पड़ा। तब पुलिस की कुंभकर्णी ¨नद्रा टूटी और आनन फानन में धरहरा थाना में 9 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई। बाद में पुलिस ने आनन फानन में मुख्य आरोपी के मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि बाद में पुलिस दबिश के कारण मुख्य अभियुक्त गौरव कुमार न्यायालय में आत्म समर्पण किया और पुलिस रिमांड के दौरान अभियुक्त ने हत्या की बात स्वीकार की। फलस्वरूप 22 सितंबर को दोनो बहनों का नरकंकाल बांका जिला के खजुरीडीह बहियार में मिला। वहीं, राहुल कुमार ने भी एक नबालिग युवती के साथ दुष्कर्म किया। युवती ने 18 सितंबर को इसकी शिकायत महिला थाना मुंगेर में दर्ज कराई। आश्चर्य जनक बात यह है कि प्राथमिक दर्ज होने के बाद भी नामजद अभियुक्त फरार रहकर सबूत मिटाने की कोशिश में लगा था। पीड़िता का ना तो मेडिकल जांच कराया गया और ना ही पीड़िता का 164 का बयान ही दर्ज कराया गया। जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी शिकायत कर्ता को जान मारने की नियत से घर में घुस गया। हालांकि, परिजनों व स्थानीय ग्रामीणों ने सजगता का परिचय देते हुए फरार आरोपित राहुल को धर दबोचा और लगभग नौ घंटे तक बंधक बनाए रखा।


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