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श्रावणी मेला संपन्न, श्रद्धालुओं के उत्साह पर नहीं पड़ रहा कोई असर

मुंगेर। पूरे एक माह तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला सरकारी तौर पर संपन्न हो गया। श्रावण की

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 06:44 PM (IST)
श्रावणी मेला संपन्न, श्रद्धालुओं के उत्साह पर नहीं पड़ रहा कोई असर

मुंगेर। पूरे एक माह तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला सरकारी तौर पर संपन्न हो गया। श्रावण की पूर्णिमा के सूर्योदय के साथ ही कांवरिया पथ से सरकारी तामझाम हट सा गया। स्वास्थ्य शिविर, पुलिस पिकेट, सेवा शिविर, सूचना केंद्र आदि के खंभे-खूंटे उखाड़े जाने लगे। लेकिन, इन सबके बीच शिव भक्त कांवरिया बोलबम का जयघोष करते हुए देवघर की ओर कूच कर रहे हैं। कांवरियों के उत्साह पर प्रशासनिक ताम-झाम के हट जाने का रत्ती भर असर नहीं पड़ा है। हालांकि, इस बार मुंगेर जिला प्रशासन ने कांवरिया पथ पर बेहतर व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। यही कारण है कि इस बार शांतिपूर्ण ढंग से मेला संपन्न हो गया। मेला मित्र और स्वयं सेवक का प्रयोग कर मुंगेर जिला प्रशासन ने देश दुनिया से आने वाले कांवरियों के समक्ष एक उदाहरण पेश कर दिया। कांवरिया भी मेला मित्र और स्वयं सेवकों की सेवा भाव से गदगद दिखे। डीएम और एसपी लगातार कांवरिया पथ पर कांवरियों की सुरक्षा और सुविधा की लगातार मानिट¨रग करते रहे। डयूटी से गायब रहने के आरोप में एक साथ बीस पुलिस कर्मी निलंबित भी किए गए। यही कारण था कि कांवरिया पथ पर व्यवस्था मिलाजुला कर पूरे माह चाक-चौबंद रही। सबसे खराब प्रदर्शन इस बार बिजली विभाग का ही रहा। वरीय अधिकारियों के निर्देश के बावजूद कांवरिया पथ पर रौशनी की व्यवस्था करने में बिजली विभाग विफल रही। पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग ने भी निराश ही किया। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी कमल जायसवाल का मेला मित्र का कांसेप्ट सबसे अधिक सराही गई। पहली बार अधिकारियों का समूह स्थानीय समाजसेवियों के साथ कांवरियों की सेवा में कदम कदम पर उपस्थित नजर आया।

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सावन के अंतिम दिन बड़ी संख्या में कांवरियों ने देवघर की ओर प्रस्थान किया। स्थानीय नागरिक एवं दुकानदारों ने भी कांवरिया बन बाबाधाम की ओर प्रस्थान किया। स्वयंसेवी संस्थाओं तथा दुकानदारों ने पंडालों को समेटना शुरू कर दिया। बावजूद तीस से चालीस हजार कांवरिया बाबा धाम की ओर जा रहे हैं। प्रशासनिक सुविधाएं हटा लिए जाने के बावजूद कांवर में लगे घुंघरूओं की रूनझुन सुनाई दे रही है और बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा है.. के नारे के साथ कांवरिया बाबा भरोसे देवघर की ओर जा रहे हैं।


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