अभाविप कार्यकर्ताओं ने बंद कराया बाजार
फोटो - 30 एमयूएन 8, 9 व 10 - सड़क पर टायर जला कर किया प्रदर्शन - छात्र नेताओं ने लगाए सरकार विरो
फोटो - 30 एमयूएन 8, 9 व 10
- सड़क पर टायर जला कर किया प्रदर्शन
- छात्र नेताओं ने लगाए सरकार विरोधी नारे
मुंगेर, जागरण संवाददाता : छात्र संघ का चुनाव कराने व राज्य में गिरती शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पटना में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज व फायरिंग के विरोध में सोमवार को अभाविप कार्यकर्ता अहले सुबह से ही सड़क पर उतर आए। मुंगेर नगर इकाई के सैकड़ों छात्र शिवनंदन पैलेस स्थित कार्यालय से जुलूस की शक्ल में निकले और घूम-घूम कर बाजार में दुकानें बंद कराई। वहीं, कई जगहों पर अभाविप कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टायर जला कर प्रदर्शन किया और आवागमन को बाधित करने का भी प्रयास किया। विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अभिषेक कुमार बमबम, प्रदेश कार्य समिति सदस्य प्रशांत कुमार, अमरदीप कुमार, कॉलेज अध्यक्ष नीलेंद्रु यादव, नगर सह मंत्री पुरुषोत्तम सिन्हा, कुमार अभिषेक राज, रूपेश कुमार, प्रणव कुमार, अजित कुमार, अभिषेक कुमार, सोनू कुमार, सौरभ कुमार, बलराम कुमार, आकाश कुमार, कृष्ण कुमार, विवेक कुमार आदि ने इस दौरान जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। हालांकि, सोमवार को साप्ताहिक बंदी के कारण मुंगेर बाजार की अधिकांश दुकानें स्वत: बंद रही। इक्के-दुक्के दुकानें खुली भी, तो उसे अभाविप कार्यकर्ताओं ने बंद करा दिया। वहीं, भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष उत्तम शर्मा की हत्या के विरोध में भाजयुमो, युवा लोजपा व युवा रालोसपा के मुंगेर बंद के आह्वान का लाभ भी अभाविप कार्यकर्ताओं को मिला। बंद के कारण बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। इस कारण कई जगहों पर बच्चे सड़क पर क्रिकेट खेलते दिखे। वहीं, बंदी का असर वाहनों के परिचालन पर नहीं पड़ा।
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शिक्षकों ने बंद कराया विद्यालय
मुंगेर, जागरण संवाददाता : नियत वेतनमान की मांग को लेकर जिला पंचायत, नगर शिक्षक संघ के सदस्यों ने सदर प्रखंड व नगर क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों को बंद कराया। शिक्षक नेता मुरारी कुमार, मो. प्रवेज आलम, अभिमन्यू कुमार सिंह, विशाल राय, अमर कुमार, शुभम कुमार, पंकज कुमार शर्मा, मुरारी कुमार, वशिष्ठ कुमार, मनीष कुमार, रितेश कुमार, अमृत लाल, रंधीर कुमार, मो. मुजफ्फर अहमद, पुष्पलता, नीता कुमारी, संजय कुमार साह, राहुल कुमार आदि ने कहा कि विद्यालय बंद का कार्यक्रम पूर्णत सफल रहा। सरकार नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षक की तर्ज पर वेतनमान नहीं देगी, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।