..और जमालपुर कारखाना ने फिर लगाया पानी में आग
केएम राज, जमालपुर (मुंगेर) संवाद सहयोगी : एशिया प्रसिद्ध जमालपुर रेल इंजन कारखाना में अत्याधुनिक मशीन और उन्नत कारीगरी देख रेलवे बोर्ड के उत्पादन इकाई के अपर सदस्य अरविन्द खरे भी चकित रह गए। श्री खरे सबसे अधिक बीएलसी शाप में जर्मनी निर्मित 3.6 करोड़ की लागत से लगे प्लाज्मा कटिंग मशीन को देख प्रभावित हुए। यह भारतीय रेल का पहली सबसे बड़ी विदेशी मशीन है। यह मशीन पानी के अंदर आग लगा कर 50 फीट लंबाई वाले वैगन एव ंबीएलसी रैक की कटिंग करने की क्षमता रखता है। इससे कारखाना के करोड़ों रुपये का लाभ होगा। जानकारी के अनुसार उक्त मशीन को पानी के अंदर 30 हजार डिग्री के तापमान पर कार्य करने की क्षमता है। जो सूर्य के ताप से पाच गुणा अधिक होगा। शॉप में प्लाज्मा कटिंग मशीन के स्थापित होने से बहुत से असंभव कार्य संभव होंगे। मशीन रेलकर्मियों को सुरक्षा के साथ उत्पादकता बढ़ाने में कारगर साबित होगा। इस मशीन का ऑपरेटिंग कम्प्यूटर से होगा। कारखाना में पूर्व से प्लाज्मा मशीन थी। लेकिन वह कंप्यूटरीकृत नही था। साथ ही आधुनिक तरीके से लैस भी नहीं था। जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ नहीं पा रहा था। नए कंप्यूटरीकृत प्लाच्मा मशीन बेहतर उत्पादकता के साथ नए टेक्नोलॉजी से युक्त है। यह पर्यावरण के हिसाब से भी अच्छा साबित होगा। क्योंकि मशीन से निकला धुआ पानी के अंदर ही रहेगा।
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आज कारखाना विश्व स्तर की हर तकनीकों का इस्तेमाल कर उत्पादन क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कारखाना देश दुनियां की हर चुनौती के लिए खुद को तैयार कर रहा है। यही वजह है कि कारखाना को रेलवे बोर्ड ने प्राथमिकता सूची में रखा है। यह गौरव की बात है।
.अमिनेश कुमार सिन्हा, मुख्य कारखाना प्रबंधक, रेल इंजन कारखाना, जमालपुर।