हिंदी की लड़ाई की अगुवाई करेगा भागलपुर
जागरण संवाददाता, भागलपुर : पीजी हिंदी विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का मंगलवार को समापन हो गया। राष्ट्रीय अस्मिता और हिंदी विषय पर आयोजित सेमिनार के समापन पर हिंदी की लड़ाई भागलपुर से लड़ने का संकल्प लिया गया। कुलपति डॉ. रामाशंकर दुबे ने प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया। प्रतिकुलपति डॉ. ए.के.राय ने भी अपने विचारों को रखा। काशी विद्यापीठ बनारस से आए हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भागलपुर हिंदी की लड़ाई का नेतृत्व करेगा। मंगलवार को सेमिनार के दूसरे दिन विश्वभारती शांति निकेतन कोलकाता से आए हिंदी के विद्वान प्रो. हरिश्चंद्र मिश्र ने राष्ट्रीय अस्मिता के संदर्भ में हिंदी मीडिया की भूमिका पर अपने विचारों को प्रकट किया। टीएमबीयू के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. तपेश्वरनाथ प्रसाद ने राष्ट्रीय अस्मिता के संदर्भ में बिहार के हिंदी सेवियों के योगदान की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि भागलपुर के कई स्कूलों में हिंदी बोलने पर पाबंदी है। इसका जमकर विरोध होना चाहिए। यह राष्ट्रभाषा के साथ अपराध से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार हिंदी के हक की लड़ाई में सबसे आगे रहा है। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. विद्यारानी, डॉ. बहादुर मिश्र, डॉ. परशुराम राय, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. नृपेंद्र प्रसाद वर्मा, डॉ. श्यामदेव भगत, डॉ. भगवान सिंह, प्रो. ब्रजभूषण तिवारी, प्रो. मधुसुदन झा के सहयोग से सेमिनार सफल रहा। समारोह का संचालन प्रो. श्यामदेव भगत ने किया।