पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन धान की खेती के लिए क्रांति : डॉ. रिजवी
तारापुर (मुंगेर), संवाद सूत्र : पैडी ट्रासप्लाटर मशीन से धान की रोपनी सस्ती है और इससे समय की बचत होती है। इस मशीन की लगत भी कम है एवं किसान चाहे तो इसे निजी खेती के लिए खरीद सकते हैं। यह क्षेत्र में मजदूरों की बढ़ती समस्या से भी छुटकारा दिलाती है। उक्त बातें परसा गाव में पूर्व जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार सिंह के खेत में धान रोपनी का डिमास्ट्रेशन करने के क्रम में असेफा के कृषि एक्सपर्ट डॉ. रिजवी ने कही। डॉ. रिजवी ने कहा की एक दिन में अगर किसान चाहे तो तीन एकड़ की धान रोपनी आसानी से कर ले सकते हैं। एक एकड़ धान की रोपनी में लागत मूल्य मजदूरी का मात्र 1033 रुपया आता है। डॉ. रिजवी ने कहा कि सिर्फ परसा गाव में दो सौ एकड़ जमीन में किसानों ने उनकी संस्था के माध्यम से रोपा करवाया है। यह योजना आईटीसी के मिशन सुनहरा कल के माध्यम से असेफा संयुक्त रूप से करती है। डॉ. रिजवी ने कहा कि योजना मजदूरी लागत को कम करने, जलवायु परिवर्तन होने आदि की समस्या को ध्यान में रख कर तैयार की गई है। योजना अभी लखीसराय एवं मुंगेर जिला में चलाई जा रही है। पाच हजार से अधिक किसान इसमें जुड़ चुके हैं। संस्था किसानों के अनुरोध पर उन्हें क्लब में जोड़ती है एवं उनको कृषि कार्यो में मदद पहुंचाती है। श्रीविधि, जीरो टिलेज एवं पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के जरिए धान की रोपनी करवाई है। किसान को प्रत्यक्षण के लिए जमीन चिन्हित करनी पड़ती है, बीज तकनीक संस्था देती है। कीटनाशक की उपलब्धता एवं इसके उपयोग की जानकारी भी बाजार मूल्य पर देते हैं। सिमिट संस्था के माध्यम से अभय कुमार सिंह किसानों को जरुरी सामान एवं जानकारिया देते हैं। यह तकनीक आने वाले कुछ ही वर्ष में किसानों के लिए वरदान साबित होगी। यह भी कहा कि गेहूं की खेती के समय भी सीड ड्रिल के माध्यम से बोआई कराई जाएगी।