याद किए गए बाबा साहेब
मधुबनी। अंबेदकर-कर्पूरी सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में भारत रत्न डा. भीम राव अंबेडकर की 60 वां महापरिनिर्वाण दिवस व कथित बाबरी मस्जिद विध्वंस दिवस के अवसर पर 38 वां सामाजिक सछ्वावना सम्मेलन का आयोजन संस्थापक अध्यक्ष रामवरण राम की अध्यक्षता में बेनीपट्टी में हुई।
मधुबनी। अंबेदकर-कर्पूरी सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में भारत रत्न डा. भीम राव अंबेडकर की 60 वां महापरिनिर्वाण दिवस व कथित बाबरी मस्जिद विध्वंस दिवस के अवसर पर 38 वां सामाजिक सछ्वावना सम्मेलन का आयोजन संस्थापक अध्यक्ष रामवरण राम की अध्यक्षता में बेनीपट्टी में हुई। सम्मेलन से पूर्व अड़ेर चौक से बसैठ चौक तक बाइक जुलूस निकालकर बाबा साहेब की झांकी प्रस्तुत किया गया। जबकि विकास मित्र एवं अन्य दलित संगठन के सैकड़ों लोगों ने अपने गरिमामयी उपस्थिति से जय भीम का जयघोष किया। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता पंचदेव ने कहा कि अंबेदकर जाति-पाति, सम्प्रदायवाद, मनुवाद, आतंकवाद, पूंजीवाद, नफरत व ¨हसा के खिलाफ मजबूती से लड़कर जाति विहीन राष्ट्र का सपना देखा था, जो अभी भी अधूरा है। इससे पूरा करना समय की मांग है। सियाराम सदाय एवं राजेद्र ने कहा कि बाबा साहेब ने अन्याय के खिलाफ जीवन भर संघर्ष करते रहे। माकपा नेता पवन भारती ने कहा कि मोदी सरकार की गतिविधियां दलित अल्पसंख्यक विरोधी है। मुखिया संघ के अध्यक्ष अजीत पासवान ने कहा कि बाबा साहेब डा. अंबेडकर सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, आर्थिक विषमता पाखंड व अंधविश्वास के खिलाफ संघर्ष कर मानवता व समानता के युगद्रष्टा थे। मौके पर अंबेडकरवादी राम लखण राम, पवन राम, रामवृक्ष राम, रीना देवी, सुरेंद्र राम, राजू सदा, प्रदीप राम, गीता कुमारी, सुदामा कुमारी, राजेंद्र साफी, जगदीश दास, कारी सदा, फिरण साफी, अधिवक्ता रामवरण यादव, महेंद्र नारायण राय अधिवक्ता, सीयाराम सदाय सहित कई लोगों ने विचार प्रकट किया।