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महिला वार्ड में ही बर्न की मरीज

मधुबनी। सरकार चाहे कितनी भी व्यवस्था कर ले अस्पतालों की हालत लगता नहीं पूर्ण व्यवस्थित हो पाएग

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 10:58 PM (IST)
महिला वार्ड में ही बर्न की मरीज

मधुबनी। सरकार चाहे कितनी भी व्यवस्था कर ले अस्पतालों की हालत लगता नहीं पूर्ण व्यवस्थित हो पाएगी। ऐसी ही हालत शहर के सदर अस्पताल में देखने को मिल रही है। समुचित सफाई से लेकर वार्ड में जो व्यवस्था होनी चाहिए वह नहीं है। गंदे चादर, बिना मुसहरी के मरीज यहां इलाज कराने को विवश हैं।

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सदर अस्पताल में वैसे तो सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी इसे पूर्णता को प्राप्त करना शेष है। शनिवार को जब इस संवाददाता ने इस अस्पताल के महिला वार्ड का भ्रमण किया तो वहां हालात ठीक नहीं दिखा।

यहां के महिला वार्ड में 10 बेड हैं। जिसमें विभिन्न बीमारियों से ग्रसित महिलाएं भर्ती होती हैं। राजनगर की सुनीता व जयनगर की सोनू कुमारी आग से जल गई थी। वे वहीं आस- पास के बिस्तर पर लेटी थी। आग से जले हुए को अलग स्थान में भर्ती करना चाहिए। क्योंकि इससे अन्य मरीजों से इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। लेकिन ऐसा यहां नहीं दिखा।सोनू को तो अस्पताल से मच्छरदानी मुहैया करा गया है लेकिन सुनीता अपने घर से मच्छरदानी लाई थी। आज 10 बेड वाले इस वार्ड में दस बेड है। जिसमे से आठ पर विभिन्न रोगों के मरीज भर्ती हैं। वहां भर्ती मरीजों ने बताया कि सभी दवाएं यहां नहीं मिल पा रही हैं। बाहर से दवा मंगानी पड़ती है। वहीं भ्रमण के दौरान पता चला कि दो बार चिकित्सक यहां का भ्रमण करते हैं। उसके बाद नर्स या ट्रेनी नर्स के सहारे काम चलता है। वहां पर पांच ट्रेनी नर्स को बैठे देखा। उनसे यहां की व्यवस्था व कौन चिकित्सक आकर मरीज को देख चुके हैं के बारे में बता नहीं सकी। वैसे पता चला कि दवा भंडार में सभी निर्धारित दवा का अभाव है। इसलिए कुछ दवा जो मिल जाती है बांकी बाहर से मंगानी पड़ती है। जबकि पूर्व में यहां अधिकांश दवाएं मिलती थी। पता चला की जो सात आदमी यहां भर्ती है उसमें से दो बर्न केस, दो मारपीट, व एक-एक अन्य मरीज हैं। वार्ड के सामने परिसर में जल जमाव यहां के सफाई की कहानी बयां कर रहा था। सीएस कार्यालय व वाह्य विभाग में जाने के लिए एक फुट पानी को पार कर जाने की मजबूरी है। जिस पर अस्पताल प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। ठीक वार्ड के सामने जलजमाव से कई तरह की संक्रामक बीमारी का खतरा है।

कहते हैं अधिकारी

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. अजय नारायण प्रसाद ने कहा कि यहां दवा की कमी जरूर है। हालांकि इसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए ऊपर के अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। जहां तक बर्न केस का अन्य मरीजों के साथ रहने का सवाल है इससे कोई खतरा नहीं है। इन बर्न की घटना सामान्य है। जिनके हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन यहां आने वाले रोगियों को हर तरह की प्राप्त सुविधाएं देने को तत्पर रहता है। सफाई पर भी हमारी नजर है।


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