आजीवन शिक्षा के प्रति किया जागरूक
मेरे पिता स्व. शशिनाथ मिश्र ने कई विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया। वे निर्धन व मेधावी बच्चों की सहायता में अभिरुचि रखते थे।
मधुबनी। मेरे पिता स्व. शशिनाथ मिश्र ने कई विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया। वे निर्धन व मेधावी बच्चों की सहायता में अभिरुचि रखते थे। सेवानिवृत्ति के बाद भी शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करते रहे। तर्पण के माध्यम से उन्हें याद कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेता हूं।
- राजीव कुमार मिश्र
मेधा को प्रोत्साहन के थे हिमायती
मेरे पिता स्व. विष्णुकांत झा शिक्षक रहे। वे सदा शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध दिखे। उनका कहना था कि परिवार से लेकर समाज में जब तक शिक्षा की लौ नहीं जलेगी, हम बेहतर परिवार व समाज की कल्पना नहीं कर सकते। मेधावी छात्रों को वे सदा प्रोत्साहन दिया करते थे। उनके इसी आशीर्वाद का परिणाम है कि मेरे परिवार में शिक्षा का क्षेत्र आज बेहतर है एवं बेहतर प्रतिष्ठा के साथ जीवन-यापन कर रहे हैं। मैं पितृपक्ष में अपने पिता को नमन करता हूं।
-डा. इंद्रमोहन झा