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बाहर निकलने पर कुत्तों का खौफ

जयनगर अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का जगह-जगह लगा जमावड़ा राहगीरों के परेशानी का सबब बना रहता है। लोग अपने घरों से निकलने से पूर्व एक बार कुत्ता सड़क पर है या नहीं ये अवश्य देख लेते हैँ।

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 03:03 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 03:03 AM (IST)

मधुबनी। जयनगर अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का जगह-जगह लगा जमावड़ा राहगीरों के परेशानी का सबब बना रहता है। लोग अपने घरों से निकलने से पूर्व एक बार कुत्ता सड़क पर है या नहीं ये अवश्य देख लेते हैँ। खासकर शाम होते ही जयनगर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर आवारा कुत्तों का लगा जमावड़ा लोगों को भयभीत कर देता है। जिस सड़क पर आप निकलेंगे वहां पर आपको आवारा कुत्तों का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा। हालत इतनी भयावह की दिन के उजाले में सरकारी प्रतिष्ठानों के परिसरों में भी आपको आवारा कुत्ता का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा।

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इन जगहों पर लगा रहता जमावड़ा:

जयनगर के शहीद चौक, स्टेशन परिसर, पटना गद्दी चौक, भेलवा चौक, नेपाली रेलवे गुमटी से आगे, बाजार समिति परिसर के सामने हर वक्त आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है। लोग इन सड़कों पर से गुजरते वक्त आवारा कुत्तों के खौफ के साये में ही गुजरते हैं। शाम होते ही महिलाएं व बच्चे बिना किसी पुरुष अभिभावक के आवारा कुत्तों के भय से नहीं निकलना चाहते हैं। जयनगर रेलवे स्टेशन पर रात्रि के वक्त ट्रेन से उतरे यात्री इस अवारा कुत्तों के भय से बिना रिक्शा अपने मुहल्ले में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी दहशत का माहौल:

आवारा कुत्तों का भय शहर में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कायम है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर जमा आवारा कुत्ता बाइक चालक को परेशान कर देते हैं। कई सड़कों पर इन आवारा कुत्तों के भय के कारण लोग रात के समय बाइक से नहीं गुजरना चाहते हैं। एनएच 104 पर उसराही गांव के समीप शाम से ही आवारा कुत्ता के जमावड़ा के कारण साइकिल व बाइक चालकों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

अवारा कुत्तों को पकड़ने का नहीं है कोई उपाय:

जयनगर पंचायत के मुख्य पार्षद राधा देवी ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि आवारा पशु व आवारा कुत्तों को पकड़कर रखने की माकूल जगह नहीं है। अनुमंडल प्रशासन को जयनगर गोशाला की जमीन हस्तगत कराने का अनुरोध किया गया है। लेकिन उस पर अनुमंडल प्रशासन कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। यदि अनुमंडल प्रशासन गोशाला की जमीन नगर पंचायत को उपलब्ध करा देता है तो जयनगर वासियों को आवारा पशुओं से निजात दिला दी जाएगी।


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