आरोपित की मृत्यु पर समाप्त हो जाएगी विभागीय कार्यवाही
मधुबनी। अगर किसी सरकारी सेवक पर विभागीय कार्यवाही चलाई जा रही हो एवं इस कार्यवाही संचालन के दौरान ही
मधुबनी। अगर किसी सरकारी सेवक पर विभागीय कार्यवाही चलाई जा रही हो एवं इस कार्यवाही संचालन के दौरान ही संबंधित आरोपित सरकारी सेवक की मृत्यु हो जाती है, तो संचालित विभागीय कार्यवाही स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। सूबे के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दिया है। सरकार के अपर सचिव राजेन्द्र राम के हस्ताक्षर से सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सूबे के सभी प्रधान सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों व प्रमंडलीय आयुक्तों से लेकर जिलाधिकारियों के नाम पत्र जारी कर दिया है। इस पत्र में विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि विभागीय कार्यवाही के संचालन के क्रम में या विचारण के किसी भी चरण में आरोपित सरकारी सेवक की मृत्यु हो जाने की स्थिति में, संबंधित सरकारी सेवक के विरूद्ध संचालित विभागीय कार्यवाही स्वत: समाप्त हो जाएगी। साथ ही मृत्यु की सूचना का उल्लंख करते हुए संबंधित आरोप प्रकरण को संचिकास्त कर दिया जाएगा। इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 (समय-समय पर यथा संशोधित) के कंडिका-11 (2) में निलंबन अवधि में सरकारी सेवक की मृत्यु हो जाने की स्थिति में सरकारी सेवक के निलंबन अवधि के विनियमन
संबंधी प्रावधान किया गया है। इस नियमावली के नियम-10 में स्पष्ट किया गया है कि किसी निलंबित सरकारी सेवक के विरूद्ध शुरू की गई अनुशासनिक या न्यायालीय कार्यवाही पूरी होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गयी हो वहां निलंबन की तिथि तथा मृत्यु की तिथि के बीच की अवधि सभी प्रयोजनों के लिए कर्तव्य पर मानी जाएगी। साथ ही उसके परिवार को उस अवधि के लिए पूरे वेतन तथा भत्ता का भुगतान किया जाएगा, जिसके लिए वह निलंबित नहीं होने पर हकदार होता। हालांकि ऐसा भुगतान करने के क्रम में पूर्व में दिए गए जीवन निर्वाह भत्ता तथा अन्य भत्ते एवं सरकारी बकाया या ऋणों का समायोजन कर लिया जाएगा।