सड़क की जर्जरता पर नहीं है ध्यान
मधुबनी : नगर पंचायत क्षेत्र का वार्ड एक देश की आजादी के दशकों बाद भी विकास से महरुम रहा है। जबकि झंझ
मधुबनी : नगर पंचायत क्षेत्र का वार्ड एक देश की आजादी के दशकों बाद भी विकास से महरुम रहा है। जबकि झंझारपुर पंचायत से लेकर अधिसूचित क्षेत्र फिर नगर पंचायत में तब्दील हो यहां के निवासियों को शहरी होने का
ख्वाव भले ही दिखा रहा हो, किन्तु अभी भी यह विकास से दूर है। देखा जाए तो इस वार्ड का एक भी प्रमुख सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। यहां की एक ऐसी प्रमुख सड़क जो वार्ड सं. एक एवं छह का सीमांकन करते हुए परतापुर घाट के नजदीक कमला तटबंध से मिलती है, दशकों से बदहाल व जर्जर है। हालांकि
तकरीबन दो वर्ष पूर्व इस संपूर्ण सड़क में उमाकांत साह के घर से सलहेश स्थान तक के भाग का पीसीसीकरण किया गया है। किन्तु जब तक इस सड़क के संपूर्ण भाग का निर्माण नहीं कराया जाता यात्रा के लिए उपयोगी नहीं बन सकती।
सड़क की उपयोगिता:
कहा जाता है कि एक जमाने में यह
सड़क झंझारपुर बाजार के लिए बहुत ही उपयोगी रहा करता था। इसी होकर नदी पार के दर्जनों गांवों नवटोलिया, समिया, कोठिया, नरुआर, भैरवस्थान ही नहीं बिरौल, भगवतीपुर तक के ग्रामीण यहां अपनी रोजमर्रा के सामान लेने आया करते थे। जिसके कारण यहां के व्यापारी भी अपने को खुशहाल समझते थे। बावजूद देश
की आजादी से लेकर अभी तक इस सड़क का संपूर्ण जिर्णोंद्धार किया जाना संभव नहीं हो पाया है।
क्या कहते हैं लोग :
स्थानीय लोगों में प्रो. बिन्दुनाथ झा, सियाकान्त वर्ण, मनोज कुमार, अरुण गुप्ता, मुकेश महतो आदि बताते हैं कि यह सड़क वार्ड का सबसे प्रमुख सड़क होते हुए भी बदहाली के
कारण अपना अस्तित्व खोती जा रही है। इतना ही नहीं बरसात के समय यहां के लोगों को नदी तटबंध तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। खासकर किसी के नदी घाट पर अन्तिम संस्कार करने के समय इस नजदीकी सड़क को छोड़कर तकरीबन पांच किलोमीटर का सफर तक कर दूसरे सड़क से जाना पड़ता है। साथ ही लोगों का कहना है कि इसी सड़क में यहां के लोगों का इष्टदेव ब्रह्मस्थान भी है। वहां खासकर बरसात के समय जलजमाव रहने के कारण लोगों का पहुंचना नामुमकिन हो जाता है। लोगों की मांग है कि इस सड़क की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द इसका संपूर्ण जीर्णोंद्धार किया जाए।