अधूरा पड़ा सामुदायिक भवन
मधुबनी। प्रखंड क्षेत्र के परसाही गांव में विधान पार्षद के ऐच्छिक कोष से बन रहा सामुदायिक भवन पांच वर
मधुबनी। प्रखंड क्षेत्र के परसाही गांव में विधान पार्षद के ऐच्छिक कोष से बन रहा सामुदायिक भवन पांच वर्षो बाद भी अधूरा पड़ा है। आगामी विधानसभा चुनाव में स्थानीय लोगों के लिए निश्चित तौर पर यह प्रत्याशियों के समक्ष सवाल उठाने का मौका देगा।
क्या है योजना : पूर्व विधान पार्षद स्व. ब्रह्मदेव नारायण ¨सह ने वर्ष 2010-11 में ही सिधपा पंचायत के परसाही गांव के डॉ. राम बहादुर ¨सह के दरवाजे पर सामुदायिक भवन निर्माण की अनुशंसा की थी। इसकी प्राक्कलित राशि 5 लाख 10 हजार रुपये है। कार्य एजेंसी स्थानीय क्षेत्र विकास अभियंत्रण संगठन मधुबनी कार्यपालक अभियंता को बनाया गया। निर्माण कार्य छत के लेबल तक तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन उसके आगे बात नहीं बढ़ पाई है।
भवन की दशा :
छत लेबल तक भवन निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद विभाग भवन निर्माण कार्य पूरा करवाने के प्रति कोई असरदार कदम नहीं उठा सका है। निर्माण कार्य के प्रति विभागीय पदाधिकारी के उदासीन रवैये से अधूरे भवन में जंगल-झाड़ उग चुके हैं। विभागीय उदासीनता से स्थानीय लोग नाराज हैं।
प्राक्कलन का बोर्ड तक नहीं : निर्माण स्थल पर प्राक्कलन का बोर्ड तक नहीं लगाया जाना संवेदक की मनमानी को दर्शाता है। इससे योजना की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगने लगा है।
क्या कहते लोग :
स्थानीय डॉ. राम बहादुर ¨सह का कहना है कि शिकायत के बाद भी कार्य एजेंसी भवन निर्माण कार्य पूरा कराने के प्रति गंभीर नहीं है। अगर कार्यपालक अभियंता स्तर पर संवेदक के खिलाफ कठोर कार्रवाई हुई होती तो वर्षों तक निर्माण कार्य अधूरा नहीं रहता।
क्या कहते हैं पदाधिकारी :
स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन मधुबनी के सहायक अभियंता रामदरश ¨सह इस योजना के प्रति अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। वे संवेदक का नाम बताने तक से इंकार करते हैं। उनका कहना है कि मेरे योगदान से पूर्व की योजना है। जबकि, रामबहादुर ¨सह का कहना है कि इस योजना का निर्माण कार्य सहायक अभियंता रामदरश ¨सह एवं कनीय अभियंता राजेश्वर पंडित की देखरेख में हो रहा है। जांच का विषय है आखिर इस योजना का संवेदक कौन है? निर्माण कार्य वर्षों से क्यों अधर में लटका है? आखिर इसके लिए जवाबदेह कौन है?