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नदियों की रक्षा को बने जल संसद

बाबूबरही(मधुबनी), संस :नदी पुनर्जीवन हेतु जल जन जोड़ो अभियान के तहत शुक्रवार को कमला बलान एवं सोनी नद

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:04 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:04 AM (IST)
नदियों की रक्षा को बने जल संसद

बाबूबरही(मधुबनी), संस :नदी पुनर्जीवन हेतु जल जन जोड़ो अभियान के तहत शुक्रवार को कमला बलान एवं सोनी नदी के त्रिवेणी संगम तट पिपराघाट में नदी संसद का आयोजन जीपीएसभीएस के सौजन्य से हुआ। जिसमें मैग्सेसे पुरस्कार विजेला राजेंद्र सिंह ने शिरकत की। श्री सिंह ने लोगों से हर नदीवार संसद बनाकर नदियों के संरक्षण करने की बात कही। विषय प्रवेश कराते हुए राज्य संयोजक रमेश कुमार ने कहा कि विज्ञान की प्रगति के साथ आज हमने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है । किन्तु प्रकृति की शक्तियों को हाथ लेने के कारण यह दुधारी तलवार सावित हो रही है।

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वर्तमान में सदानीरा नदियों का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। घरों का कचड़ा , पूजा पाठों का कचड़ा हम नदियों में फेंक रहे है। एक तरफ आस्था के संग हम छठ व अन्य पर्वो पर नदी की पूजा करते हैं। दूसरी ओर दूसरे दिन ही हम नदी में विभिन्न अवशिष्ठ को डालने में तनिक भी संकोच नहीं करते। नदी का संरक्षण अविरलता एवं निर्मलता आज समय की माग है। इस संदर्भ मे नदियो के किनारे बसे लोग ज्यादा जानकारी रखते है। वे अपनी सहभागिता केा बाटते नदी को बचाने हेतु साझा प्रयास करें।

मुखिया नारायण मिश्र की अध्यक्षता में आयेाजित कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने कहा कि मानव निर्मित प्रदूषण विभीषिका का रूप धारण कर लिया है। इसी कारण धीरे धीरे भूगर्भ जल का लेयर नीचे भाग रहा है। नदिया सूख रही है। जलीय जीव , नदियों का सास्कृतिक लगाव , जल धारित आजीविका के साधन स्त्रोत में हवास हेा रहा है। शैक्षणिक संस्थानो ंमें नदी एवंज ल जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित करने सहित संरक्षण को साझा प्रयास करने की जरूरत है। कार्यक्रम में मुखिया नारायण मिश्र, बीडीओ मुर्शीद अंसारी , प्रमुख शोभाकान्त राय, मुखिया राधेश्याम राय, तपेश्वर ंिसह, रामपुकार महतो, पूनम भारती, जीतेन्द्र सिंह,रतन कुमार रवि, मोद नारायण झा, रमेश सिंह आदि ने अपने बिचार रखें ।

झझारपुर संस के अनुसार, आधुनिक सोचों के कारण प्रकृति के विरुद्ध चलना हम मानव के लिए घातक बनता जा रहा है। जल की धाराओं से खिलवाड़ कर इन्हें बाधना प्राकृतिक आपदाओं को न्योता दे रहा है। यही कारण है कि आए दिन ऐसे आपदाओं से कहीं न कहीं मानव जाति को जूझना पड़ रहा है। यह बातें जल जन जोड़ो अभियान के तहत शुक्रवार की सुबह अनुमंडल क्षेत्र के संग्राम गाव में स्थित रुरल डेवलपमेन्ट ट्रस्ट कार्यालय पर पहुंचे मेग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने कही। श्री सिंह के कार्यालय पर पहुंचते ही ट्रस्ट के संरक्षक मो. सादुल्लाह ने उन्हें पाग व दोपटा पहना कर स्वागत किया।


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