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साहित्य समाज का दर्पण: डॉ. इन्द्रकांत

झझारपुर (मधुबनी) संवाद सहयोगी : प्रखण्ड के रैयाम गाव स्थित काली मंदिर प्रागण में काली पूजा के शुभ मु

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 07:35 PM (IST)

झझारपुर (मधुबनी) संवाद सहयोगी : प्रखण्ड के रैयाम गाव स्थित काली मंदिर प्रागण में काली पूजा के शुभ मुहु‌र्त्त में प्रसिद्ध विद्वानों की उपस्थिति में प्रो. जयशकर मिश्र द्वारा रचित काव्य संग्रह हास्य मंदाकिनी नामक पुस्तक का विमोचन शनिवार को किया गया। विमोचन डॉ. रूद्रकात झा ने की। डॉ. रूद्रकात झा ने उक्त पुस्तक में लिखित कविताओं का संक्षेप में विवेचन भी किया। कहा कि इस पुस्तक के काव्य संग्रह में समाज में बढ़ रहे भ्रष्टाचार, अवसरवादिता, दलाली तथा दहेज प्रथा पर खूब चोट किया गया है। कार्यक्रम का उदघाटन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. इन्द्रकात झा तथा प्रसिद्ध मैथिल साहित्यकार डॉ. बुचरू पासवान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ. इन्द्रकात झा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। साहित्य ही वह विधा है जो जनचेतना को जागृत करती है। आगत अतिथियों को पाग दोपटा से सम्मानित भी किया। उपस्थित विद्वतजनों ने करीब एक घटे तक अपने द्वारा लिखित कविताओं का पाठ भी बड़ा ही रोचक अंदाज में किया जो दर्शकों को खूब भाया। यहा यह बता दें हास्य मंदाकिनी के रचयिता प्रो. जयशकर मिश्र शिवनन्दन नन्द किशोर मिश्र महाविद्यालय भैरवस्थान में प्राध्यापक के पद पर हैं। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी योगनारायण झा, आईआईटियन सुनील झा, विजय शकर झा, जय शकर मिश्र, दिलीप मिश्र, रंजीत कुमार झा, उमानन्द मिश्र, मदनमोहन झा, कृष्ण मोहन झा, प्रमोद झा, प्रेमचन्द्र झा, अशोक झा, मोदनारायण झा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।


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