नर्सिग होम की हुई जांच
घोघरडीहा (मधुबनी) संस: नगर पंचायत वार्ड एक में बगैर रजिस्ट्रेशन के संचालित नर्सिंग होम के द्वारा कथित तौर पर अवैध तरीके से नवजात बच्चा को दान करने के मामले में सिविल सर्जन के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के द्वारा उक्त नर्सिंग होम पर पहुंच कर विस्तृत जांच की गई।
मालूम हो कि नपं वार्ड एक में संचालित मां शाति नर्सिग होम पर गलत तरीका से बच्चा दान करने को लेकर स्थानीय लोगो के द्वारा लगभग दो माह पूर्व सिविल सर्जन से लेकर बाल मानवाधिकार आयोग पटना को आवेदन देकर कार्रवाई का आग्रह किया था। लेकिन फलाफल कुछ नही मिलने पर दैनिक जागरण ने बीती 5 सितम्वर के अंक में ''बिना निबंधन के चला रहा नर्सिग होम व अवैध रूप से बच्चा दान का हुआ खुलासा ''शीर्षक से विस्तृत खबर प्रकाशित किया था।
बाद में सिविल सर्जन डा. ओम प्रकाश ने अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. सी के सिंह व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. एस पी सिहं को जांच का जिम्मा सौपा था। जिसके आलोक मे उक्त द्वय अधिकारी के द्वारा जांच के दरम्यान नर्सिग होम संचालको को कड़ी फटकार लगाते हुए आवेदन कर्ता नरोत्तम झा व अन्य का बयान लिया।
क्यो है संदेहास्पद :
मई 2012 में पटना समाहरणालय से पटना जिला निवासी रंजीत मंडल के द्वारा क्रय की गई 50 रुपये का नन जुडिसियल स्टाम्प का उपयोग अप्रैल 2014 मे बच्चा लेने वाला लखीसराय जिला निवासी हरे राम मंडल ने एकरारनामा में किया है। जबकि बच्चे का जन्म कथित तौर पर मां शाति नर्सिग होम हुआ था। जिसका नाम कुछ दिन पहले बदल कर एल एम सेवा सदन कर दिया गया है। नाम बदलने को लेकर भी जांच अधिकारी ने नर्सिग होम संचालक पर कड़ी आपत्ति जताई है। जांच दल में शामिल जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा एस पी सिंह ने कहा कि मामला प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रतीत होता है और निबंधन तो दूर नर्सिग होम जैसा सुविधा भी उपलब्ध नही है। आगे उन्होने कहा शीघ्र ही जांच प्रतिवेदन सिविल सर्जन को सौंप दी जाएगी।
क्या कहते है सिविल सर्जन:
डा. ओम प्रकाश ने दूरभाष पर बताया कि जांच प्रतिवेदन मिलने के उपरान्त जिला पदाधिकारी से बात कर उक्त नर्सिंग होम सहित जिले के विभिन्न शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में बिना निबंधन अवैध तरीका से संचालित नर्सिग होम मे संलिप्त लोगो पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।