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विश्व का दूसरा बड़ा बैंक नेटवर्क बनेगा भारतीय डाक

मधेपुरा। अनुमंडल के ग्वालपाड़ा उपडाकघर परिसर में शुक्रवार को बहुउद्देश्यीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

By Edited By: Published: Sat, 09 Jul 2016 04:40 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2016 04:40 PM (IST)

मधेपुरा। अनुमंडल के ग्वालपाड़ा उपडाकघर परिसर में शुक्रवार को बहुउद्देश्यीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए सहरसा के डाक अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि भारतीय डाक पूरी तरह डिजिटल हो गया है। जल्द भारतीय डाक को विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बैंक नेटवर्क का गौरव प्राप्त होगा। उन्होंने का कि एसबीआई की 21 हजार शाखाएं हैं। जबकि भारतीय डाक की 28 हजार शाखाएं सीबीएस प्रणाली से जुड़ चुका है। डाक निरीक्षक रोशन मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार के बहुचर्चित योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं के तहत अब तक भारतीय डाक ने 85 लाख खाता खोल कर जनजागरूकता ला दिया है। उन्होंने कहा कि अब डाक घरो में अटल पेंशन योजना, जन सुरक्षा योजना, दुर्घाटना बीमा आदि का शुभारंभ हो गया है। लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। डिजिटल कार्यालय सहरसा के पीएलआई सेल से आए प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि डाक जीवन बीमा किसी भी कंपनी के बीमा योजना से कम प्रीमियम लेती है और अधिक मुनाफा देती है। डाक घर अच्छी बीमा का विकल्प है। चौसा से आए कुंदन कुमार ने ग्रामीण डाक संगठन की समस्याओं और उसके निदान पर चर्चा की। कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाक कर्मी को डाक अधीक्षक ने सम्मानित किया। उपस्थित जनप्रतिनिधियों को बीमा योजना के कलैंडर, बैग देकर सम्मानित किया गया। सिस्टम एडमिन राजकुमार पाठक द्वारा मौके पर तकनीकी समस्या को दूर किया गया। ग्वालपाड़ा के उप डाकपाल विजय साह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लोगों को धन्यवाद दिया।


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