सपनों को छूने की राह पर चल पड़ी मधेपुरा की बेटियां
मधेपुरा । पीएस कॉलेज में शनिवार को झमाझम बारिश के बीच सपनों को चली छूने कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मधेपुरा । पीएस कॉलेज में शनिवार को झमाझम बारिश के बीच सपनों को चली छूने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित हुई। एक-एक कार्यक्रम को ध्यान से सुनती छात्राएं इतनी ध्यान मग्न हुई कि प्रतीत हुआ कि सपनों का छूकर चली आई हो। टॉक शो में प्रगतिशील विचारों की महिला वक्ताओं की बातों पर तालियां बजाती छात्राओं ने जमकर अपने मन में उठते सवालों को भी दागा।
मधेपुरा जैसे छोटे-से शहर में पूर्व में कभी किसी आयोजन में छात्राओं से सीधे संवाद स्थापित नहीं किये गये थे। विभिन्न स्टॉलों में घुमघुम इन्हें लगा कि जरूर कुछ पढ़ाई-लिखाई की बात होगी या फिर स्कील डेवलपमेंट से जुड़ने की बात होगी। लेकिन उद्घाटन समारोह में वक्ताओं की बातों से उन्हें धीरे-धीरे सब कुछ मन की बात होने वाली है। फिर जब वृत चित्र दिखाया गया तो ये गंभीर होने लगी और टॉक शो में जमकर भाग लिया।
कई छात्राओं ने अपनी उम्र से बड़े सवाल किये तो कई ने यह पूछा कि आखिर ¨लग विभेदीकरण क्यों होता है। बहरहाल इन सवाल के माकूल जवाब मिले और स्थिति यह हुई कि कार्यक्रम के समापन तक छात्राएं जमी रही।
उधर इस कार्यक्रम में राह दिखाने के लिए आई रिर्सोस पर्सन बबिता ¨सह कहती है कि यहां की छात्राएं सचमुच प्रतिभावान हैं। बस इन्हें मार्गदर्शन मिलना चाहिए। राज्य मानवाधिकार आयोग की पूर्व सदस्य मंजू उर्फ गुड्डी देवी कहती है कि मधेपुरा की बेटियों में इतना दमखम है कि जब निश्चय कर ले तो उसे पूरा करके ही छोड़ती है। स्वास्थ्य सलाहकार सुधा संध्या कहती है कि इनमें स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता लाने की जरूरत है। ऐसे आयोजनों से यह शीघ्र ही मिल जायेगा। थानाध्यक्ष प्रमिला कुमारी कहती है कि इस कार्यक्रम के बाद अब यहां की बेटियां अपनी बात कहने में कभी संकोच नहीं करेगी। जागरण पहल और महिला विकास निगम ने पहली बार ऐसा आयोजन कर छात्राओं को बल दिया है। ग्रामीण स्तर पर भी ऐसे कार्यक्रम की जरूरत है।