समय पर टैक्स नहीं देने से शहर विकास प्रभावित
मधेपुरा। नगर परिषद अंतर्गत विभिन्न वार्ड में लोग टैक्स में नहीं केवल सुविधा में विश्वास करते हैं।
मधेपुरा। नगर परिषद अंतर्गत विभिन्न वार्ड में लोग टैक्स में नहीं केवल सुविधा में विश्वास करते हैं। यही कारण है कि टैक्स वसूली में नगर परिषद लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। नगर परिषद इसे जन जागरूकता का अभाव मानते हैं। नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में विभाग लगभग 18 लाख रुपये ही टैक्स वसूल सकी। हालांकि विभाग टैक्स वसूली के मामले में खुद लेखा जोखा तैयार नहीं कर पायी है। विभाग के अनुसार वार्ड 17 से सबसे ज्यादा टैक्स की वसूली हुई वहीं सबसे कम टैक्स वार्ड संख्या एक से वसूली हो पाई। नगरपरिषद इस समय केवल लोगों से प्रोपर्टी टैक्स वसूल रही है। विभाग का कहना है कि लक्ष्य से कम टैक्स वसूली के कारण शहर में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं लोगों का मानना है कि टैक्स के मामले में विभाग में पारदर्शिता नहीं है। जिसके कारण लोग टैक्स जमा करने से हिचकिचाते हैं। वहीं नगर परिषद का कहना है कि टैक्स ऑन लाइन जमा हो रहा है। ऐसे में किसी भी लोगों को किसी तरह की दिक्कतें नहीं होनी चाहिए। विभाग भी मानती है कि चुनाव में जिस तरह प्रोपर्टी टैक्स अनिवार्य कर दिया गया है। उसी तरह हर तरह की सुविधा से पहले टैक्स का क्लियरेंस अनिवार्य होना चाहिए। दूसरी ओर नगरपरिषद विकास का पैमाना टैक्स से नहीं कर चेहरे से करती है। जानकार बताते हैं कि जिस वार्ड में टैक्स की वसूली ज्यादा हो वहां सुविधा बढ़नी चाहिए वहीं कम टैक्स वाले वार्ड में टैक्स को लेकर जागरूकता अभियान चलनी चाहिए। जिससे सबसे पिछड़े वार्ड में भी टैक्स देने के प्रति जागरूकता आये। वार्ड 17 के लोगों का कहना है कि वार्ड के लोग टैक्स के प्रति जागरूक रहने के बावजूद विकास की रफ्तार धीमा है। लोगों की शिकायत है कि विकास कार्य में टैक्स नहीं चेहरे को प्राथमिकता मिलती है।
कोट
टैक्स वसूली को लेकर नगर परिषद प्रशासन सजग है। आम लोगों को भी समय पर टैक्स जमा करना चाहिए। टैक्स जमा होने पर शहर में सुविधा बढ़ेगी।
- मनोज कुमार पवन, कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद।