सितंबर में पूरा होगा पहले फेज का काम
राकेश रंजन, संवाद सूत्र, ¨सहेश्वर (मधेपुरा)। मधेपुरा रेल इंजन कारखाना के पहले फेज का निर्माण अगस्त त
राकेश रंजन, संवाद सूत्र, ¨सहेश्वर (मधेपुरा)। मधेपुरा रेल इंजन कारखाना के पहले फेज का निर्माण अगस्त तक पूरा हो जाएगा। सितंबर से एल्सटॉम कंपनी के अधिकारी और अभियंता कारखाना आएंगे। फरवरी 2018 में पहला रेल इंजन तैयार कर निकालने के लिए काम काफी तेजी से चल रहा है। यहां असेम्बल होने वाले पहले इंजन के लिए सितंबर में ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस से पार्ट-पूर्जे आने लगेगा। एल्सटॉम कंपनी फरवरी में एक विद्युत रेल इंजन रेलवे को सौंप देगी। रेलवे में पहले इस इंजन का 30 हजार किलोमीटर का टे¨स्टग किया जाएगा। टे¨स्टग के बाद रेलवे को और चार इंजन दिया जाएगा।
अगले साल ट्रैक पर आएगा पहला इंजन
मधेपुरा प्लांट में बने हुए पहले इंजन को अगले साल तक ट्रैक पर लाया जाएगा। फरवरी में रेलवे को दिया जाने वाला पहला इंजन सिर्फ नमूने के लिए होगा। इसे हजारों किलोमीटर के कठिन टेस्ट और परीक्षाओं से गुजरना होगा। जबकि दूसरा और तीसरा इंजन भी सिर्फ कठिन परीक्षण के लिए ही होगा। 2019 तक टे¨स्टग वाला मिलाकर कुल पांच इंजन रेलवे को दिया जाएगा। टे¨स्टग में इन इंजन के सफल रहने के बाद 2019 के बाद कार्य काफी तेज गति से होगा।
20 हजार करोड़ का है करार
भारतीय रेल व फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम के बीच करीब 800 हाई पावर के रेल इंजन बनाने के लिए मधेपुरा में रेल कारखाना लगाने का फैसला किया है। फ्रांस की कंपनी एवं रेलवे के बीच संयुक्त उद्यम में बनने वाले इस कारखाने से अगले 20 सालों में यह 800 रेल इंजन बनाया जाना है। रेलवे एवं एल्सटॉम के बीच हुआ करार 20,000 करोड़ रुपये का है। रेलवे ने एल्सटॉम से इंजन बनाने के लिए सन 2035-36 तक कारखाना चलाने का करार किया है। जबकि कंपनी इसके बाद भी कई सालों तक इंजनों के मेंटीनेंस की सुविधाएं देती रहेगी।
12 हजार हॉर्स पावर का बनेगा रेल इंजन
मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में 12 हजार हॉर्स पावर की उच्च क्षमता की रेल इंजन बनाई जाएगी। इसकी क्षमता अब तक भारत मे बने सभी रेल इंजन से अधिक होगी। जिसका उपयोग गुड्स ट्रैन में किया जाएगा।
कोट-
सितंबर 2017 तक रेल इंजन कारखाना का प्रथम फेज का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सितंबर माह में एल्स्टॉम के अधिकारी यहां पहुंच जाएंगे।
केके भार्गव, उपमुख्य अभियंता।
मधेपुरा रेल इंजन कारखाना।