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धर्मशाला में हो रही बच्चों की पढ़ाई

प्रदीप आर्या, मधेपुरा। जिलेपुरैनी प्रखंड में एक स्कूल ऐसा है जो ईश्वर की मंदिर में चल रहा है। बच्चे

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 12:59 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 12:59 AM (IST)
धर्मशाला में हो रही बच्चों की पढ़ाई

प्रदीप आर्या, मधेपुरा। जिलेपुरैनी प्रखंड में एक स्कूल ऐसा है जो ईश्वर की मंदिर में चल रहा है। बच्चे पहले भगवान की चरण वंदना करते हैं और तब पढ़ाई शुरू करते हैं। मंदिर में पूजा-पाठ के दौरान होने वाले शोरगुल से बच्चों को दो-चार होना पड़ता है।

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प्रखंड के हजारीमल सूरजमल पटवारी प्रस्तावित उच्च विद्यालय पुरैनी की स्थापना वर्ष 1983 में मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला भवन में किया गया। विद्यालय का सिर्फ नाम मात्र का उच्च विद्यालय है। यहां न तो सुचारु रूप से पठन-पाठन होता है और न ही विभागीय मानकों का पालन हो रहा है। यहां न तो समय पर शिक्षक पहुंचते हैं और न ही समय पर विद्यालय खुल रही है। किसी प्रकार विद्यालय का संचालन किया जा रहा है।

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न सुविधा न भवन, बस चल रहा स्कूल

यह प्रस्तावित विद्यालय की पांच एकड़ छह डिसमिल निबंधित जमीन आलमनगर अंचल में स्थित है। पुरैनी प्रखंड मुख्यालय या इसके आसपास में विद्यालय को एक जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जबकि आज तक विद्यालय पुरंधरनाथ मंदिर स्थित धर्मशाला भवन के चंद कमरों में चल रहा है। आज भी प्रखंड मुख्यालय या प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों के छात्र-छात्राएं मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी तय कर श्री वासूदेव उच्च विद्यालय नयाटोला में नामांकन लेते हैं। कारण हजारीमल सुरजमल पटवारी उच्च विद्यालय पुरैनी में न तो नियमित रूप से पठन-पाठन ही होता है। यहां बुनियादी सुविधा भी नही है।

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कितने कर्मी हैं पदस्थापित

विद्यालय सूत्रों के अनुसार फिलहाल उक्त उच्च विद्यालय में सात शिक्षक-शिक्षकाएं, एक लिपिक व एक पुस्तकालयाध्यक्ष के अलावा वर्ग नौवीं वर्ग में 162 एवं वर्ग दशम में 121 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जबकि विद्यालय में कई शिक्षक, आदेशपाल आदि का पद वर्षो से रिक्त है।

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बाहर के बच्चों का ज्यादा नामांकन

प्रस्तावित उक्त उच्च विद्यालय में प्रखंड क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के नामांकन की बजाय अगल-बगल के विभिन्न जिलों के छात्रों का नामांकन होता है। मनचाहे रकम की वसूली कर नामांकन की परंपरा है। नामांकन कराने से लेकर परीक्षा फॉर्म भरने तक के लिए यहां कई बिचौलिये सक्रिय हैं। इससे विद्यालय में छात्र-छात्राओं के नामांकन का कोरम भी पूरा हो जाता है। दूर दराज के छात्र इन बिचौलिये के माध्यम से ही उक्त विद्यालय में नामांकन कराते भी कराते हैं। कई बार तो बिचौलियों द्वारा विद्यालय का वर्ग संचालन भी किया जाता है।

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जांच में खुल सकते हैं कई मामले

मुख्यालय के दर्जनों अभिभावकों एवं बुद्धिजीवियों ने बताया कि उच्च विद्यालय में बीते कई साल से साइकिल सहित कई योजनाओं का वितरण सही ढंग से नहीं हुआ है। अगर जांच हो तो मामला खुल सकता है। नाम मात्र का यह उच्च विद्यालय बिचौलिए की कमाई का जरिया बना हुआ है।

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क्या कहते हैं अभिभावक व जनप्रतिनिधि

मुख्यालय के अभिभावक व जनप्रतिनिधि सरपंच उमेश सहनी, जाप के प्रदेश मंत्री कुमोद कुमार उर्फ सोनू झा, पूर्व सरपंच भूला देवी, पूर्व मुखिया करूणा देवी, पूर्व जिप सदस्य रितु राज, पूर्व पंसस मधु देवी, संजय सहनी, रमण कुमार झा, शिव कुमार गुप्ता, किशुन यादव, निर्मल ठाकुर, मुन्ना ठाकुर, मु. अबरार, मु. जुबेर आलम आदि का कहना है कि उक्त विद्यालय के मुख्यालय में जमीन व भवन नहीं रहने के कारण अपने स्थापना काल से ही धर्मशाला में संचालित किया जा रहा है। सिर्फ कागज पर विद्यालय का संचालन किया जा रहा है।

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कहते हैं अधिकारी

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे विद्यालय के बारे में जांच के बाद ही कुछ बताएंगे। फिलहाल किस परिस्थिति में विद्यालय का संचालन हो रहा है इसकी जानकारी ले रहे हैं।


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