राहत वितरण में गड़बड़ी पर नपेंगे अधिकारी : डीएम
मधेपुरा। जिलाधिकारी मु. सोहैल ने बाढ़ प्रभावित प्रखंड़ों के अधिकारी और पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ ब
मधेपुरा। जिलाधिकारी मु. सोहैल ने बाढ़ प्रभावित प्रखंड़ों के अधिकारी और पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में बाढ़ राहत कार्य को लेकर समीक्षा की गई। डीएम ने पारदर्शिता के साथ पीड़ितों की सूची तैयार कर राहत वितरण किये जाने कहा। वहीं राहत वितरण कार्य मे गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर संबंधित अंचलाधिकारी पर कार्रवाई किए जाने की बात कही। डीएम ने स्पष्ट शब्दों मे कहा कि राहत कार्य मे किसी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही को सहन नही किया जाएगा। बैठक में डीएम ने मुखिया को उसके अधिकार और कर्तव्य का बोध कराया। डीएम ने कहा कि मुखिया अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष होते हैं। अनुश्रवण समिति से पारित और अधिकारी के जांच रिपोर्ट के आधार पर राहत सूची मान्य होगा। किस तरह के पीड़ितों को बाढ़ राहत की राशि दिया जाना है। इसकी जानकारी दी गई। कई मुखिया ने अपने पंचायत को पूर्ण बाढ़ प्रभावित घोषित किए जाने का आग्रह किया ।लेकिन डीएम ने स्पष्ट किया कि वास्तविक पीड़ितों को ही लाभ दिया जाएगा। कोई भी पीडित लाभ से वंचित नही रह पाए। डीएम ने इस बार के राहत नियम से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया।किसी ने वर्ष 2008 ई के राहत नियम की जानकारी दी। इस पर डीएम ने कहा कि उस समय के हालात नही है। उस समय संपूर्ण जिला बाढ़ प्रभावित था। इस बार पूरे जिले में 22 पंचायत ही बाढ़ से प्रभावित हुए। गंगापुर पंचायत की मुखिया अर्चना कुमारी ने पूर्ण पंचायत को बाढ़ प्रभावित घोषित करने, स्कूल की समस्या, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक को हटाने की मांग की ।बैठक में आपदा पदाधिकारी मुकेश कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार, डीसीआरएल विनय कुमार ¨सह, आलमनगर के अंचलाधिकारी विकास कुमार व चौसा, पुरैनी के अंचलाधिकारी उदाकिशुनगंज पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. डीके सिन्हा, मुखिया अर्चना कुमारी, शांति देवी, मुकेश कुमार, हिटलर शाही उपस्थित थे ।