टूटा पैमाना तो बढ़ गया अपराध
मधेपुरा [प्रदीप कुमार झा]। अमिताभ बच्चन की एक फिल्म का गाना है - माइकल, दारू पीकर दंगा करता है। लेकि
मधेपुरा [प्रदीप कुमार झा]। अमिताभ बच्चन की एक फिल्म का गाना है - माइकल, दारू पीकर दंगा करता है। लेकिन जिले में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में टंगी मासिक अपराध आंकड़ा इसके विपरित यही बता रही है कि जब गत अप्रैल माह में दारू बंद हुई तो उल्टे दंगा की घटना में भारी इजाफा हो गया।
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शराब बंदी के बाद अपराध में हुई वृद्धि :
जिला में जहां 225 आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे, मई में यह बढ़कर 239 हो गया। लूट की घटना मार्च और अप्रैल दोनों माह में मात्र एक एक हुई, लेकिन चोरी की घटना मार्च में तेरह से बढ़कर अप्रैल में 16 हो गई। बलात्कार भी इन दोनों माह में एक-एक हुआ। लेकिन अनुसचित जाति पर अत्याचार के मामले पांच से बढ़कर सात हो गये।। मार्च से अप्रैल (शराब बंदी) की तुलना करें तो हत्या छह से घटकर चार, डकैती एक से घटकर शून्य तथा सामान्य अपहरण तेरह से घटकर आठ जरूर हो गया।
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दंगा और ठगी में हुआ इजाफा :
शराब पीकर आपसी मारपीट (दंगा) की घटना होना आम बात है। शराब बंदी से उम्मीद थी कि दंगों की घटनाओं में कमी होगी। लेकिन उल्टा हुआ। मार्च में 18 दंगे हुए थे। शराब बंदी के बाद घटने के बदले अप्रैल माह में दंगों की घटना बढ़कर 26 हो गई। ठगी के मामले में तो दो गुणा इजाफा हुआ। मार्च में तीन ठगी के मामले दर्ज हुए जो अप्रैल में बढ़कर सात हो गये। विविध प्रकार के अपराध की घटनाएं भी 117 से बढ़कर 136 हो गई।
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क्या कहते हैं एसपी विकास कुमार
मार्च की अपेक्षा अप्रैल में जिले में दंगा की घटनाएं अधिक प्रतिवेदित जरूर हुई है। लेकिन दंगा का एक ओर बड़ा कारण भूमि विवाद भी रहा। शराब खोरी से दंगा की घटना नहीं बढ़ी है। जिले में शराब पूरा प्रतिबंध है। नित्य शराब पीने व पिलाने वाले गिरफ्तार किये जा रहे हैं। यह महज संयोग है कि दंगा की घटना थोड़ी बढ़ गई है।