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जागरुकता के अभाव में बंध्याकरण की रफ्तार धीमी

मधेपुरा। स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये के कारण बंध्याकरण अभियान को उदाकिशुगंज में गति नहीं मिल पा

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 08:17 PM (IST)
जागरुकता के अभाव में बंध्याकरण की रफ्तार धीमी

मधेपुरा। स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये के कारण बंध्याकरण अभियान को उदाकिशुगंज में गति नहीं मिल पा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 नवंबर से प्रारंभ हुए परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत बंध्याकरण की रफ्तार काफी धीमी है। ऑपरेशन शिविर 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। किंतु बीते पाच दिनों तक के शिविर की बात की जाए तो महज 10 महिलाओं ने ही ऑपरेशन कराया। जबकि पुरूष नसबंदी तो नही के बराबर हो पा रहा है। अस्पताल प्रशासन नसबंदी के प्रति लोगों को लगातार जागरूक करने का प्रयास कर रही है। स्वास्थ प्रबंधक संजीव कुमार वर्मा बताते है कि बंध्याकरण को लेकर संबंधित पंचायत प्रतिनिधि के साथ साथ आम लोगो को परिवार नियोजन प्रति जागरूक करने का आग्रह किया गया है। जनप्रतिनिधि के सहयोग से योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले सात से 13 नवंबर तक पुरूष नसबंदी कार्यक्रम चलाया गया था। जहा एक भी लोग ऑपरेशन नहीं कराया। जबकि पुरुष नसबंदी कराने वाले मरीज को 1400 रुपये प्रोत्साहन राशि स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया जाता है। बच्चे को जन्म देने के बाद सात दिन के अंतराल पर बंध्याकरण कराने पर 2200 रुपये प्रोत्साहन के रुप में दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रोत्साहित किए जाने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र में यह योजना सफल नहीं हो पा रही है।


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