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त्रिवन रूपी खेती में बोएं उत्तम संस्कार : रंजू

मधेपुरा। प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में भव्यवता के साथ चैतिन्य दैवी दुर्गा के हाथो

By Edited By: Published: Tue, 13 Oct 2015 08:52 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2015 08:52 PM (IST)
त्रिवन रूपी खेती में बोएं उत्तम संस्कार : रंजू

मधेपुरा। प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में भव्यवता के साथ चैतिन्य दैवी दुर्गा के हाथों से कलश स्थापना कर नवरात्र और दशहरा पर्व का शुभारंभ किया गया। सेवा केंद्र की प्रभारी ब्रह्मा कुमारी रंजू दीदी ने कहा कि नवरात्र और दशहरा पर्व के आध्यात्मिक रहस्य में कही दशहरा अर्थात स्त्री और पुरूष के अन्दर व्याप्त बुराइयों का प्रतीक है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, दूसरों को देखकर जलना आदि ये सभी विकार रावण के ही सूचक हैं। इन बुराईयों के कारण मनुष्य होते हुए भी संसार आसुरी हो गया है। इसका प्रतीक ही तो दशानन है जिसे हम प्रतिवर्ष जलाते हैं। हमें पर्व पर संकल्प लेना है कि रावन के बुत जलाने से ही नहीं बल्कि मन में छिपे विकारों को समाप्त करना है। जिस दिन हमारे अन्दर से बुराईयां समाप्त हो जायेगी उस दिन मनुष्य देवत्व स्थिति को प्राप्त करेगा। उक्त कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाई ने किया। मौके पर व्यापारी दिनेश शर्राफ, ओमप्रकाश यादव, विनय वर्दन उर्फ खोखा यादव, डॉ. अनिल कुमार, एनके निराला जी, वैद्यनाथ प्रसाद, मुरली गुप्ता, माला बहन, पूजा बहन, रंजीत कुमार, विजय वर्दन, आदि उपस्थित थे।


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