मतदाताओं की चुप्पी से परेशान हैं प्रत्याशी
मधेपुरा [प्रशांत आलोक]। विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की बैचेनी
मधेपुरा [प्रशांत आलोक]। विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की बैचेनी बढ़ गई है। इसकी वजह भी साफ नजर आ रही है। मतदाताओं ने पूरी चुप्पी साध रखी है। मधेपुरा जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र में कमोबेश यही स्थिति नजर आ रही है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए घर घर संपर्क करने में लगे हुए है। लेकिन वोटरों की चुप्पी से उन्हें खतरे का अहसास हो रहा है। जनसंपर्क अभियान में लगे प्रत्याशियों एवं कार्यकर्ताओं को भी लग रहा है कि पारंपरिक मतदाता भी इसबार के चुनाव टूट सकते हैं। इसको लेकर कई वजह सामने आ रही है।
जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में दो विधानसभा में एनडीए एवं महागठबंधन की ओर से दिए गए प्रत्याशियों को लेकर भी मतदाताओं में नाराजगी दिखाई दे रही है। मतदाताओं की ओर इस बार को उत्साह भी नहीं दिखाया जा रहा है। ऐसे में मतदाताओं की इस बिगड़े मूड को लेकर प्रत्याशियों ने मंथन शुरू कर दिया है। जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों के लिए गुरुवार से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरु हो गई। ऐसे मतदाताओं की खामोशी बहुत कुछ कह रही है। इसको लेकर महागठबंधन एवं एनडीए स्पष्ट बैचेनी देखी जा रही है।
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भितरघात की संभावना से भी परेशान हैं प्रत्याशी
नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद दोनों गठबंधन में बागियों से निपटने की रणनीति बनाई जा रही है। महागठबंधन एवं एनडीए में टिकट से वंचित रहे नेता अभी तक खामोश दिख रहें है। ऐसे में प्रत्याशियों को मतदाताओं की चुप्पी एवं बागियों रुख को लेकर अलग अलग रणनीति बनानी पड़ रही है।