'तरंग' की राशि को चट कर कर रहे समन्वयक
मधेपुरा। विभागीय उदासीनता के कारण प्रखंड के सभी छह संकुल संसाधन केन्द्र को खर्च के लिए उपलब्ध करायी
मधेपुरा। विभागीय उदासीनता के कारण प्रखंड के सभी छह संकुल संसाधन केन्द्र को खर्च के लिए उपलब्ध करायी जाने वाली राशि हजम की जा रही है। इस दिशा में विभागीय पदाधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा प्रत्येक संकुल संसाधन केन्द्र को प्रति वर्ष कार्यालय व्यय, आवर्ती प्रशिक्षण, तरंग कार्यक्रम एवं यात्रा भत्ता के नाम पर लगभग 60 से 70 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाती है। इस राशि को बिना खर्च किये ही समन्वयक एवं संचालक के मिलीभगत से गटक कर फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र बनाकर विभाग को भेज दिया जाता है।
प्रखंड में है छह संकुल
प्रखंड क्षेत्र के 38 प्राथमिक व 36 मध्य विद्यालय सहित कुल 74 विद्यालयों की देख रेख, निगरानी एवं नियमित जांच हेतु मध्य विद्यालय पुरैनी, मध्य विद्यालय नयाटोला, मध्य विद्यालय बासुदेवपुर, मध्य विद्यालय औराय, मध्य विद्यालय दुर्गापुर एवं मध्य विद्यालय चटनमा सहित छह संकुल संसाधन केन्द्र बनाये गये हैं। चटनमा को छोड़ अन्य सभी जगह कार्यालय संचालन हेतु विभाग द्वारा अलग से लाखों रुपये की लागत से भवन निर्माण भी कराया गया है। लेकिन बिडंबना यह है कि कार्यालय कभी नहीं खुलता है।
समन्वयक एवं संचालक हैं नियुक्त
सभी छह संकुल केन्द्रों में विभागीय नियमानुसार संबंधित विद्यालय के प्रधान शिक्षक को संचालक एवं विभाग द्वारा संबंधित संकुल क्षेत्र के विद्यालयों में पदस्थापित समन्वयक के संयुक्त हस्ताक्षर से ही संकुल के बैंक खाता का संचालन कराया जाता है।
कार्यक्रम में नहीं किया जाता खर्च
संकुल संसाधन केन्द्र में प्रति माह आयोजित होने वाले आवर्ती प्रशिक्षण एवं तरंग कार्यक्रम के दौरान राशि खर्च नहीं की जाती है। जबकि उक्त दोनों कार्यक्रम में उपस्थित होने वाले संकुल क्षेत्र के शिक्षक-शिक्षिकाओं हेतु विभाग द्वारा नास्ता, चाय आदि के लिए प्रतिमाह राशि उपलब्ध कराई जाती है। वहीं कार्यक्रम व्यय के नाम पर उपलब्ध करायी जाने वाली राशि को बिना खर्च किये ही गटक ली जाती है।
क्या कहते हैं बीईओ
संकुल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों एवं खर्च होने वाली राशि पर कड़ी व विशेष नजर रखी जा रही है। गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित संकुल व समन्वयक पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
राजदेव पासवान
बीइओ, पुरैनी