काम पर लौंटे या विधिवत दे इस्तीफा : डीडीसी
मधेपुरा। जिले के मनरेगा रोजगार सेवकों द्वारा त्यागपत्र देने की घोषणा को डीडीसी ने औचित्यहीन करार दिय
मधेपुरा। जिले के मनरेगा रोजगार सेवकों द्वारा त्यागपत्र देने की घोषणा को डीडीसी ने औचित्यहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक या तो काम पर लौटें या फिर विधिवत इस्तीफा दें। मनरेगा के रोजगार सेवक हड़ताल पर है और सुखाड़ की आशंका के कारण योजनाएं शुरू नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा में खर्च की गई राशि का चार प्रतिशत मनरेगा कर्मी के वेतनादि पर खर्च करना है। काम नहीं होगा तो खर्च नहीं होगा। तो फिर उसका चार प्रतिशत से वेतन कैसे दिया जाएगा?
डीडीसी ने कहा कि जिले में लगभग 143 पंचायत रोजगार सेवक हैं। 77 रेाजगार सेवकों ने बैठक में लिये गए प्रस्ताव की प्रति दी है कि सभी सामूहिक रूप से त्यागपत्र देंगे। दूसरा प्रस्ताव है कि मांग माने जाने तक सभी पंचायत रोजगार सेवक हड़ताल पर रहेंगे। शुक्रवार को सभी परियोजना पदाधिकारियों को निदेशित किया है कि वो अपने क्षेत्र के रोजगार सेवकों को बताएं कि उनकी मांग कैबिनेट स्तर पर लंबित है। अगर पीआरएस काम पर नहीं लौटते हैं तो उनसे विधिवत त्याग पत्र लेकर उसे स्वीकार कर आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित करें। ज्ञातव्य है कि जिले में मनरेगा के रोजगार सेवकों की लंबी हड़ताल के कारण मनरेगा कार्य लगभग बंद है। न्यूनतम सीमा से भी कम काम होने के कारण जिले के 18 पंचायतों के रोजगार सेवकों को पहले ही पदमुक्त किया जा चुका है। जबकि नवनियुक्त रोजगार सेवक कुछ पंचायतों में कार्यरत हैं।