दंगल प्रतियोगिता में पहलवानों ने दिखाए दांव
संवाद सूत्र, मधेपुरा: चैती दुर्गा पूजा के अवसर पर आजादनगर खेदन बाबा चौक पर दो दिवसीय दंगल प्रतियोगित
संवाद सूत्र, मधेपुरा: चैती दुर्गा पूजा के अवसर पर आजादनगर खेदन बाबा चौक पर दो दिवसीय दंगल प्रतियोगिता आयोजित की गई। आयोजित प्रतियोगिता में मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया के पहलवानों ने भाग लिया। इस मौके पर खगड़िया बेला पीलग्रा गांव के पहलवान के नेतृत्व में कई पहलवानों ने अपने जौहर दिखाकर दर्शकों की तालियां बटोरी। वहीं प्रतियोगिता में तुनियाही के राजेश कुमार, बेला के नीतीश पहलवान, कवियाही के संदीप कुमार, मधेपुरा के आनंद कुमार ने अपने-अपने प्रतिद्वंदी को पछाड़कर जीत हासिल की। इस मौके पर रघु पहलवान, भूपेन्द्र पहलवान, वार्ड पार्षद घ्यानी यादव, मुकेश कुमार मुन्ना आदि उपस्थित थे।
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दंगल प्रतियोगिता का बढ़ा प्रभाव
हाल के वर्ष में कोसी के इलाकों में दंगल प्रतियोगिता का प्रभाव काफी बढ़ा है। खासकर किसी पूजा के अवसर पर दंगल प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। आलम यह है कि आयोजक महंगे और विवादों में पड़ने से बेहतर इस प्रतियोगिता का आयोजन करवा रहे हैं। दिलचस्प है कि दंगल प्रतियोगिता में महिला कुश्तीबाज भी दूसरे राज्यों से यहां आकर मेले का क्रेज बढ़ा रही है। इस तरह की महिला पहलवान हरियाणा, यूपी व पंजाब से यहां आकर अपने खेलों का प्रदर्शन करती है। हालांकि आयोजक मंडल इस बात से गदगद है कि खेलों के आयोजन कराने में न तो कोई विवाद होता है और न ही ग्रामीण परिवेश बिगड़ने का खतरा उत्पन्न होता है। कुश्ती के प्रेमी रहे पूर्व मंत्री राजेन्द्र यादव उर्फ राजो बाबू कहते हैं कि यह शुभ संकेत है। एक दशक पूर्व लोगों का झुकाव म्यूजिकल ऑकेस्ट्रा के प्रति था।
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'शारीरिक विकास का माध्यम
है खेल'
कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्य पार्षद विशाल कुमार बबलू ने कहा कि कुश्ती जैसे खेल से जहां शारीरिक विकास होता है। वहीं यह खेल मनोरंजन का मुख्य केन्द्र भी होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी पूजा समिति ऑर्केस्ट्रा की जगह इसी तरह का दंगल प्रतियोगिता का आयोजन करें। इससे स्वस्थ समाज का निर्माण भी होता है।