आम बजट से है बहुओं को अच्छे दिन की आस
संवाद सूत्र, मधेपुरा : नरेन्द्र मोदी की बजट पर आम और खास दोनों प्रकार की बहुओं की नजर है इस बार। कैस
संवाद सूत्र, मधेपुरा : नरेन्द्र मोदी की बजट पर आम और खास दोनों प्रकार की बहुओं की नजर है इस बार। कैसा होगा हमारे देश का बजट इस जिज्ञासा के साथ उलनी कुछ अपेक्षाएं भी हैं। आइये जरा आप भी जानें इन बहुओं की अपेक्षाएं -
जिला परिषद की सदस्य और पूर्व अध्यक्ष सुनीला देवी कहती है कि एक सामान्य गृहणी के तौर पर मेरी अपेक्षा है कि केन्द्र सरकार की बजट में आम घरेलू सामग्रियों पर कम कर लगे जबकि इसका समायोजन शराब एवं अन्य नशीले पदार्थ पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स लगाया जाय। वे यह भी कहती हैं कि जिला परिषद सदस्य के रूप में मेरी अपेक्षा है कि खासकर किसान के उपयोग में आने वाली सामग्रियों जैसे ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण, खाद बीज आदि पर कम कर लगे। शहर के नगर परिषद की वार्ड पार्षद विनिता भारती कहती है कि यूं तो अब महंगाई और बजट में कोई सरोकार नहीं रह गया है। लेकिन बजट ऐसा हो कि आम गृहणियों पर कोई नया बोझ न डाला जा सके। महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है, इस पर नियंत्रण के लिए कारगार उपाय करने की जरूरत है।
राज्य महिला आयोग की सदस्य रह चुकी गुड्डी देवी कहती है कि केन्द्र सरकार की बजट पर इस बार गृहणियों की पैनी नजर है। केन्द्र सरकार ने जो अच्छे दिन का वादा किया था, वह किस हद तक कर पाती है। बहु और बेटी के रूप में इस बार केन्द्र सरकार की बजट से अपेक्षा है कि किसानों पर कोई बोझ नहीं डाला जाय। कृषि उपकरण, खाद बीज पर टैक्स न बढ़े और डीजल की कीमत में हुई कमी का जो अब तक कोई प्रभाव कीमतों पर न पड़ा है, व पड़े।
गृहणी और अर्थशास्त्री भारती कहती है कि केन्द्र सरकार ने महिलाओं के विकास और शिक्षा का नारा दिया है। संभावना यह है कि बेटी के नाम का जो फिक्स्ड डिपोजिट कराते हैं, उसपर परिलम्ब होने पर कोई टैक्स न लगे। केन्द्र सरकार को ऐसा ही कुछ कदम उठाना चाहिए। गृहणी के तौर पर मेरी अपेक्षा है कि आवश्यक वस्तुओं पर कर नहीं लगे जबकि विलासिता की वस्तु पर ज्यादा टैक्स लगे। शराब, उच्च श्रेणी का वातानुकूलित रेल, और हवाई जहाज टिकट, पान गुटका आदि पर अधिक टैक्स लगे।
प्रतिभा कहती है कि इस बार बजट ही नरेन्द्र मोदी सरकार की पहचान कराएगी महिलाओं को किस हद तक सरकार प्रोत्साहित करती है, यह बजट में ही तय होगी। महिला उद्यमियों को कम ब्याजदर पर ऋणावंटन और पांच वर्षो तक किसी भी कर से छूट, कीचन की किसी भी सामग्री पर नया टैक्स नहीं लगाना, नशीले पदार्थो पर अधिकाधिक टैक्स आदि अगर सरकार अधिरोपित करती है तो बेशक इस बार अच्छे दिन वाला बजट होगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं हो सका तो फिर आम वर्षो की तरह ही यह आम बजट होगा। एक ओर मांग है कि श्रृंगार प्रसाधनों पर या जो कर नहीं लगे या फिर कम कर लगाया जाय।