'लाइलाज नहीं है होता है कुष्ठ'
संवाद सहयोगी, मधेपुरा : सदर अस्पताल स्थित कुष्ठ निवारण कार्यालय में बुधवार को जागरूकता अभियान के तहत
संवाद सहयोगी, मधेपुरा : सदर अस्पताल स्थित कुष्ठ निवारण कार्यालय में बुधवार को जागरूकता अभियान के तहत शहरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविका को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण सत्र की शुरूआत अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जेपी मंडल ने किया।
प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने आयी आंगनबाड़ी सेविकाओं को संबोधित करते हुए डॉ. जेपी मंडल ने कहा कि कुष्ठ रोग अन्य रोग की तरह कम संक्रामक होता है। यह रोग खानदानी अथवा देवी-देवताओं के स्राप का फल नहीं है। शरीर के किसी भाग पर सुनापन के साथ हल्का फीका दाग हो तो उसे कुष्ठ रोग का लक्ष्ण माना जा सकता है जिसे छिपाना नहीं चाहिए। नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। समय पर इलाज कराकर शरीर में होने वाले अपंगता से बचे। कुष्ठ रोग नियमित इलाज से ठीक होता है। सभी सरकारी अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुष्ठ रोग का जांच एवं इलाज मुफ्त किया जाता है। प्रशिक्षण सहायक नरेश कुमार, लाला भूपेन्द्र नारायण, जर्नादन लाल वर्मा ने प्रशिक्षण में भाग ले रहीं आंगनबाड़ी सेविकाओं को बताया कि कुष्ठ रोग दो प्रकार का होता है। पीबी एवं एमबी प्रकार के जिसका प्रारंभिक अवस्था में रोग मुक्त हो जाता है कुष्ठ रोग चमड़ी और नस की बीमारी है जिसका सफल इलाज सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर मौजूद है। सभी अपने अपने पोषक क्षेत्र में इस बात का ध्यान रखें के किसी व्यक्ति के शरीर में उपर फीका दाग के साथ साथ सूनापन महसूस हो रहा है तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास जाने की सलाह दें।
प्रशिक्षण में स्वास्थ्यकर्मी मनोज कुमार वर्मा, राकेश कुमार, बनारसी रजक, विकास कुमार सिंह के अलावे नगर के 42 आंगनबाड़ी केन्द्रों के आंगनबाड़ी सेविका मौजूद थी।