विश्वविद्यालय शिक्षकों को मिला एरियर
संवाद सहयोगी, मधेपुरा : बीएन मंडल विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कुलपति डॉ. विनोद कुमार के दूर
संवाद सहयोगी, मधेपुरा : बीएन मंडल विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कुलपति डॉ. विनोद कुमार के दूरदर्शिता व प्रशासनिक क्षमता के बदौलत चार वर्षो के यूजीसी अन्तर वेतन की राशि का भुगतान एकमुश्त किया गया। कुलपति ने लगभग 47 करोड़ रूपये का भुगतान एरियर मद में किया है। कुलपति के निर्णय से शिक्षकों में खुशी व्याप्त है।
क्या है मामला :
बीएन मंडल विवि में एक जनवरी, 2006 से 31 मार्च, 2010 तक का यूजीसी अन्तर वेतन की राशि राज्य सरकार ने काफी पहले ही निर्गत कर दिया था। लेकिन तत्कालीन कुलपतियों ने इसे बांटने में रूचि नहीं दिखाई। फलस्वरुप इस बाबत शिक्षकों की ओर से दर्जनों मामले पटना उच्च न्यायालय में अपील की गई। वर्तमान कुलपति डॉ. विनोद कुमार ने योगदान बाद प्रति-कुलपति डॉ. जेपीएन झा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाने का निर्देश दिया जिसमें विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. सुभाष कुमार सिंह, वित्त पदाधिकारी एवं डॉ. अरूण कुमार मिश्रा को शामिल किया गया। कुलपति ने समिति को निर्देश दिया कि समय सीमा के भीतर शिक्षकों को एरियर की राशि भुगतान कर दिये जाए। समिति ने लगभग 1300 शिक्षकों का एरियर तीन महीने में ही कर दिया। अगर समिति के द्वारा एकमुश्त एरियर पर काम नहीं किया गया तो शिक्षकों के एरियर भुगतान हेतु लगभग 1300 संचिका खुलता जो वर्षो में नहीं होता। विवि के इतिहास में पहली बार बिना वित्त विभाग में संचिका खोले समिति के द्वारा एकमुश्त भुगतान कर दिया गया।
प्रथम चरण में 14 कॉलेजों को मिलेगा एरियर : प्रथम चरण में मात्र 14 कालेजों ने ही अपने-अपने शिक्षकों का एरियर विपत्र समिति के पास भेजा। समिति बिना देर किये प्रथम चरण में इन 14 कॉलेजों के कुल 393 शिक्षकों को 28 करोड़ 71 लाख 94 हजार 349 रुपए की राशि निर्गत की। इसका लाभ मुख्य रूप से ठीपी कॉलेज-मधेपुरा, पार्वती विज्ञान कालेज-मधेपुरा, बीएनएमभी कॉलेज-साहुगढ़ मधेपुरा, डीएस कालेज-कटिहार, फरबिसगंज कॉलेज, एमएचएम कॉलेज-सोनवर्षा, पीजी सेंटर-सहरसा, मारवाड़ी कॉलेज - किशनगंज, केबी झा कॉलेज-कटिहार, नेहरू कालेज-बहादुरगंज एवं एसएनएस आरकेएस कॉलेज-सहरसा के शिक्षकों को मिलेगा।
शेष कॉलेजों का एरियर बनकर तैयार : प्रथम चरण में 14 कॉलेजों में एरियर भुगतान के बाद शेष कॉलेज भी सक्रिय हुए और उनके 231 शिक्षकों का एरियर कुल 16 करोड़ 96 लाख 65 हजार रुपए बनकर तैयार हैं जो किसी भी समय शिक्षकों के खाते में भेजा जा सकता है।
कैसे होता है एरियर के दावे की जांच : बताते चलें कि पहले कॉलेज या पीजी विभाग अपने यहां संबंधित शिक्षकों का यूजीसी एरियर बनाकर विवि मुख्यालय में इस बाबत प्रतिकुलपति की अध्यक्षता वाली बनी समिति के पास भेजते हैं। समिति प्रारंभिक जांचोपरांत इसे उपसमिति के पास भेजती है। उप-समिति शिक्षकों के दावों की जांच कर इसे भुगतान हेतु अनुशंसा करती है।
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यूजीसी एरियर शिक्षकों का हक है, लेकिन मुझे अभी भी यह बात समझा में नहीं आ रही है कि पूर्व से ही राशि रहने के बाद शिक्षकों को क्यों नहीं भुगतान किया गया? उन्होंने एरियर की राशि बिना देरी किये वितरित करने का निर्देश दिया।
डॉ. विनोद कुमार
कुलपति, बीएन मंडल विवि, मधेपुरा