Move to Jagran APP

डीलर ने दो माह के खाद्यान का किया गोलमाल!

संवाद सूत्र (पुरैनी) मधेपुरा : प्रखंड अन्तर्गत वंशगोपाल पंचायत में डीलर बने पूर्व पैक्स अध्यक्ष के द

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 08:14 PM (IST)
डीलर ने दो माह के खाद्यान का किया गोलमाल!

संवाद सूत्र (पुरैनी) मधेपुरा : प्रखंड अन्तर्गत वंशगोपाल पंचायत में डीलर बने पूर्व पैक्स अध्यक्ष के द्वारा दो माह के खाद्यान्न का गोलमाल किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामला उजागर होने के बाद लाभुकों में भारी आक्रोश है। इस बावत आक्रोशित लाभुकों ने मो. रकीब के नेतृत्व में मामले का संपूर्ण विवरण देते हुए हस्ताक्षरित आवेदन बीडीओ, बीसीओ, एवं एमओ पुरैनी को देकर जांच कर संबंधित डीलर पर कार्रवाई की मांग की है। बीडीओ राजीव कुमार ने जाच बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन लाभार्थियों को दिया है। मिली जानकारी के अनुसार उक्त पंचायत के बंशगोपाल के वार्ड संख्या एक व दो तथा भटौनी वार्ड संख्या तीन के लाभार्थियों के खाद्यान्न व किरासन तेल वितरण के लिए तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष को डीलर बनाया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उक्त पैक्स अध्यक्ष द्वारा डीलर के कार्य का निष्पादन किया जा रहा था। लेकिन पिछले माह पैक्स चुनाव के पूर्व अपने संभावित हार को देखते हुए जून, 2014 के खाद्यान्न को जहा विभागीय मिलीभगत से डकार लिया। वहीं वर्तमान में जुलाई एवं अगस्त के एक साथ हुए आवंटन में लाभार्थी को सिर्फ अगस्त माह का खाद्यान्न देकर तीन माह के कॉलम में भर दिया गया। इस बाबत लाभार्थी कैसर खातून, सोनिया देवी, चंदन देवी, सरिता देवी, आसमा खातून, माबिना खातून, सेबूल खातून, पिंकी देवी, शोभा देवी, अशोक ऋषिदेव, झकसू ऋषिदेव, बेचन ऋषिदेव, बबजन ऋषिदेव, मो.अफरोज, सुधीर राम, नंदकिशोर साह, पवन साह, सनोज ऋषिदेव, तेवारी ऋषिदेव एवं अंत्योदय लाभार्थी मो. समसीर मो. दिलशाद, रमेश मेहरा, सरजुग ऋषिदेव, दीप नारायण ऋषिदेव आदि ने बताया कि जब वे लोग खाद्यान्न लेने डीलर के यहा पहुंचे तो डीलर श्री निषाद द्वारा एक माह का खाद्यान्न देकर राशन कार्ड पर तीन माह का कॉलम भर दिया गया । पूछे जाने पर वे गाली-गलौज करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए। इतना हीं नहीं लाभार्थी रीता देवी, मीना देवी, सोनिया देवी,रूकसाना खातून, अमना खातून, तूना खातून, राजेश ऋषिदेव, जूबेदा खातून आदि ने बताया कि वे लोग जब खाद्यान्न डीलर के यहा पहुंचे तो डीलर के द्वारा यह कहा गया कि तुमलोगों का सूची में नाम नहीं है इसीलिए खाद्यान्न नहीं मिलेगा। जबकि इन लाभार्थियो को भी इसी वर्ष मार्च, अप्रैल, मई में खाद्यान्न दिया गया। इस बाबत एमओ कृष्ण कुमार ने बताया कि संबंधित डीलर की सारी पंजी जब्त कर जांच शुरु कर दी गई है। यह पूछे जाने पर कि जून माह का खाद्यान्न का वितरण उक्त डीलर के द्वारा किया गया या नहीं एवं इस बार कितने महीने का आवंटन दिया गया है। इस सवाल पर वह कन्नी काटते हुए जाच के उपरान्त कुछ बोलने की बात कही। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मामला पकड़ में आने के बाद अधिकारियों की नींद क्यों खुलती है? नियमित जांच नहीं करने के पीछे कहीं बंधी-बंधाई रकम का राज तो नहीं? आखिर गरीबों के निवाले के साथ नाइंसाफी कब तक होती रहेगी? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जबाव देने में प्रशासनिक अधिकारियो के पसीने छूट सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.