ममता से महरुम बेटियां
जागरण संवाददाता, मधेपुरा : 'साक्षी' अभी तो ठीक से मां बोलना शुरू की थी कि उसकी मां सदा के लिए उसे छो
जागरण संवाददाता, मधेपुरा : 'साक्षी' अभी तो ठीक से मां बोलना शुरू की थी कि उसकी मां सदा के लिए उसे छोड़कर चली गई, जहां से कोई वापस नहीं लौटता है। विदित रहे कि जब दो वर्ष की साक्षी तुतलाती जुबान में अपनी मां को खोजती है तो उसके पिता के सीने में खंजर-सा चूभता है। निजी क्लीनिक में प्रसव बाद मौत के आगोश में जा पहुंची मठाई के भान गांव निवासी पिंकी की मौत से उसके पूरे परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। आरती , बंधन (8), पूजा (5), साक्षी (2) अब कभी भी मां का मुंह नहीं देख पाएगी। ममता की छांव से महरुम इन चारों बेटियों को तड़पते देखकर हर किसी की आंखें नम हो जाती है। पिंकी के पति विजय मंडल समझ नहीं पा रहे हैं कि अब इन मासूम बच्चियों की परवरिश कैसे होगी। उसे ममता की छांव में लोरियां गाकर कौन सुलाएगा। सिसकते हुए पति विजय मंडल बताते हैं कि एक पल में सारे अरमान चकनाचूर हो गए। पत्नी कहती थी इस बार जरुर बेटा होगा। इसके लिए कई मंदिरों में मन्नतें भी मांगी थी। भगवान ने सुनी भी लेकिन धरती के भगवान (डाक्टर) की लापरवाही ने सारी खुशियां छीन ली। बेटा भी गया और पिंकी भी मौत के आगोश में सदा के लिए सो गई। विजय मंडल कहते हैं निजी क्लीनिक में भर्ती होने के बाद अगर लापरवाही नहीं बरती गई होती तो शायद इन मासूम बच्चियों की मां और हमारे घर की लक्ष्मी छोड़ कर नहीं जाती। भींगी आंखों से वे कहते हैं कि भगवान किसी को ऐसा दिन ना दिखाएं।
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कोट
सोचा था अबकी बेटा होगा तो चार बहनों को भाई का प्यार और घर में खुशियां आएंगी। इसके लिए कई मंदिरों में मन्नतें भी मांगी थी। अब तो दुनिया ही लूट गई। बेटा तो दूर बच्चियों की मां भी अब उससे बहुत दूर चली गई। भगवान ऐसा दिन किसी को ना दिखाए।
: विजय मंडल, मृतका पिंकी के पति।
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मां बोलती थी कि बहुत जल्द तुम्हारा भाई आने वाला है। भगवान ने सुनी भी लेकिन दरिंदों ने मुझसे मेरी मां के साथ भाई भी छीन लिया। सोचा था घर में खुशियां आएगी लेकिन अब तो आंसू ही आंसू बचे हैं।
: आरती कुमारी, मृतका पिंकी की बेटी।
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क्या था पूरा मामला
बीते बुधवार को भान गांव निवासी पिंकी देवी को प्रसव के लिए शहर स्थित डा. पूनम के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। जहां बताया गया कि बेटा हुआ है। लेकिन प्रसव में लापरवाही के कारण पिंकी की हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार मिशन अस्पताल में उसने अंतिम सांस ली।