एजेंडे में कभी पार्किंग नहीं, कार्ययोजना से भी दूर
लखीसराय। दो लाख की आबादी वाले लखीसराय शहर में वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। आज तक कभी इसके
लखीसराय। दो लाख की आबादी वाले लखीसराय शहर में वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। आज तक कभी इसके लिए कोई विशेष पहल या कार्य योजना तैयार नहीं की गई है। इस कारण जहां-तहां वाहनों का पड़ाव नासूर बन चुका है। यह स्थिति तब है जब नगर परिषद एवं जिला प्रशासन के विकास एजेंडे में वाहन पार्किंग को कहीं जगह नहीं दी गई। सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक से लेकर अधिकारियों की बैठक में शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था एवं सड़कों पर अवैध वाहन पड़ाव से हर रोज लगने वाले जाम की चर्चा और ¨चता दर्जनों बार की गई। लेकिन इसका निदान कैसे हो इस पर कभी पहल नहीं हुई।
वाहन पार्किंग का नहीं है इंतजाम
मुख्यालय की इकलौती सड़क के दोनों किनारे पैदल चलने के लिए बने फुटपाथ से लेकर सड़क पर स्थानीय दुकानदारों द्वारा दुकान सजाने की समस्या है। सड़कों पर ही टेंपो, सवारी जीप, जुगाड़ गाड़ी, रिक्शा व अन्य वाहन चालक जहां मन हुआ वहीं पार्किंग करते हैं। इन वाहनों के पड़ाव के लिए मुख्यालय में कहीं भी निश्चित जगह निर्धारित नहीं है।कुछ दिन पूर्व बाइपास रोड स्थित सरकारी बस स्टैंड में बस पड़ाव शिफ्ट किया गया है। लेकिन, मुख्य सड़क पर अब भी 200 की संख्या में टेंपो, 100 से अधिक जुगाड़ गाड़ी जहां-तहां पार्किंग कर रहे हैं। जिससे जाम की समस्या के कारण आमलोगों को हर रोज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सबकी जुबान पर रटा-रटाया जुमला
जिले के प्रशासनिक अधिकारी, नगर परिषद के पदाधिकारी से लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि की जुबान पर रटा-रटाया जुमला है कि जब बाइपास सड़क बनते ही शहर में न जाम लगेगी न पार्किंग की समस्या होगी। नगर परिषद व जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में कई बार मुख्य सड़क पर अवैध वाहन पड़ाव हटाने की कार्रवाई की गई। लेकिन, उसका असर सिर्फ कुछ घंटे तक ही रहा। शहर के शहीद द्वार, विद्यापीठ चौक, रेलवे पुल, बड़ी दुर्गा स्थान, हाजी मार्केट के सामने, पीएनबी बैंक के सामने अवैध वाहन पार्किंग बरकरार है। पदाधिकारियों में ²ढ़ इच्छा शक्ति की भारी कमी के कारण शहर की स्थिति बदतर बनी हुई है।